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हरियाणा के रोहतक का लड़का सॉफ्टवेयर इंजीनियर वरुण चावला तकनीकी उद्योग के क्षेत्र में काफी नाम कमा रहा है। कई चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर चुका हैं। अब वह उच्च-मात्रा भुगतान प्रसंस्करण प्रणाली विकसित करने में लगे हुए हैं। 

रोहतक: हरियाणा के एक छोटे से क्षेत्र रोहतक का रहने वाला लड़का वरुण चावला के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन वह जिले का नाम अमेरिका में रोशन करेगा। सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Software Engineer) की दुनिया में बहुत ही कम समय में वरुण ने कई उपलब्धि हासिल कर इस मुकाम को पाया है। आज वरुण को हार्वर्ड व एमआईटी जैसे विश्वविद्यालयों में होने वाली प्रतियोगिताओं में निर्णायक के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जो क्षेत्रवासियों के लिए गौरव की बात है।

कई चुनौतीपुर्ण परियोजनाओं पर किया काम

वरुण चावला फिनटेक नामक प्रतिष्ठित कंपनी में वरिष्ठ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है, लेकिन तकनीकी उद्योग में मात्र छह साल के कार्यकाल में कई चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं। सैन फ्रांसिस्को में स्थित, जिसे दुनिया की सिलिकॉन वैली के रूप में भी जाना जाता है, वरुण को हार्वर्ड (Harvard) और एमआईटी जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रतियोगिताओं का न्याय करने के लिए आमंत्रित किया गया है। उन्हें पुरस्कार शो में एक न्यायाधीश के रूप में भी आमंत्रित किया जाता है जो प्रौद्योगिकी, एडटेक, व्यवसाय और नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रस्तुत कर चुके शोधपत्र

वरुण ने कई शोध पत्र लिखे हैं और हाल ही में IEEE अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुति पुरस्कार जीता है। उन्हें कोडडे में एक संरक्षक के रूप में आमंत्रित किया गया है, जहां वे वंचित बच्चों को ओपन-सोर्स परियोजनाओं में योगदान करने में मदद करेंगे। एक प्रमुख डी लर्निंग पुस्तक के लिए एक पुस्तक समीक्षक के रूप में वरुण का चयन किया गया है, क्योंकि इस क्षेत्र में नवीनतम प्रगति से वरुण अच्छी तरह वाकिफ हैं।

सॉफ़्टवेयर इंजीनियरिंग में कैसे शुरू हुआ सफर

वरुण ने एक शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य बीमा कंपनी में एप्लिकेशन डेवलपर के रूप में काम शुरू किया। मिनेसोटा में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान देखा कि प्रौद्योगिकी तेजी से विकसित हो रही थी। उन्हें लगा कि बड़े डेटा, मशीन लर्निंग, ऑपरेटिंग सिस्टम और एल्गोरिदम जैसे क्षेत्रों की अपनी समझ को गहरा करने की आवश्यकता है। इस आवश्यकता के कारण वरुण ने कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री पूरी की। आज वह हाई-वॉल्यूम पेमेंट प्रोसेसिंग सिस्टम विकसित करने में लगे हुए हैं।

हाई स्कूल से शुरू हो जाती है बच्चों की नींव

वरुण चावला ने बताया कि किसी भी काम के लिए नींव हाई स्कूल से ही शुरू हो जाती है। 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद छात्रों को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए विज्ञान स्ट्रीम चुननी चाहिए। यदि संभव हो तो उन्हें अतिरिक्त विषय के रूप में कंप्यूटर विज्ञान भी लेना चाहिए। साथ ही, उन्हें स्नातक कंप्यूटर विज्ञान कार्यक्रम में स्थान सुरक्षित करने के लिए इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करनी चाहिए। कॉलेज के दौरान, जितना संभव हो उतने तकनीकी प्रोजेक्ट पर काम करें। बुनियादी तकनीकों से शुरुआत करें।

युवाओं के लिए इंजीनियरिंग बेहतर विकल्प

वरुण ने कहा कि सही दिशा में प्रयास और लगन से इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र में भी बड़ी ऊंचाइयों को हासिल किया जा सकता है। अगर युवाओं की टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में रुचि है तो इंजीनियरिंग एक बेहतरीन करियर ऑप्शन हो सकता है। इसके लिए युवाओं को सही जानकारी व मार्गदर्शन की जरूरत है। युवाओं को भटकना नहीं चाहिए, बल्कि अपने लक्ष्य की तरफ निरंतर बढ़ते रहना चाहिए।

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