भ्रूण लिंग जांच पर बड़ी कार्रवाई : हरियाणा के रोहतक जिले से एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है, जहां हेल्थ विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में छापेमारी कर भ्रूण लिंग जांच में लिप्त गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने तीन लोगों को रंगे हाथ पकड़ा है और भ्रूण लिंग जांच में उपयोग की जा रही अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया है। मामले में बिजनौर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सूचना पर हुआ डिकॉय ऑपरेशन, रंगे हाथ पकड़ा डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि बिजनौर के एक निजी अस्पताल में अवैध रूप से भ्रूण लिंग परीक्षण किया जा रहा है। इसी के आधार पर 13 अप्रैल को पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) नोडल अधिकारी डॉ. विश्वजीत राठी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम में डॉ. संजीव मलिक, डॉ. विशाल चौधरी और रणजीत शामिल थे। टीम ने बिजनौर के रॉयल आरजे अस्पताल में डिकॉय ऑपरेशन चलाया, जहां एक बीयूएमएस डॉक्टर को भ्रूण लिंग जांच करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
छापेमारी में सामने आया बड़ा खुलासा
रेड के दौरान टीम ने अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ। फुटेज में देखा गया कि 11 अप्रैल को चंडीगढ़ से आई एक महिला की भी भ्रूण लिंग जांच की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, जांच में लड़की का पता चलने पर महिला को गर्भपात की गोलियां देकर उसका गर्भपात कराया गया। डॉ. राठी ने बताया कि रेड के दौरान एजेंट द्वारा लिए गए 20 हजार रुपये में से 19 हजार रुपये मौके पर बरामद कर लिए गए। यह रकम भ्रूण जांच की एवज में ली गई थी।
खरखौदा केस से जुड़ा है पूरा मामला
यह मामला दरअसल 12 अप्रैल को हरियाणा के सोनीपत जिले के खरखौदा स्थित भारद्वाज अस्पताल से जुड़ा है। वहां चंडीगढ़ की महिला की भ्रूण लिंग जांच कराई गई थी, जिसे बिजनौर में भेजा गया था। जांच में सामने आया कि वहां से उसे गर्भपात की दवाइयां दी गईं और बाद में उसका गर्भ गिरा दिया गया। इस केस में डॉ. तमन्ना (बीएएमएस) ने अहम भूमिका निभाई थी। भारद्वाज अस्पताल से दो एमपीटी किट भी बरामद की गई थीं, जो आमतौर पर गर्भपात के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई में जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें शामिल हैं- डॉ. मसूद, बीयूएमएस डॉक्टर, बिजनौर, डॉ. तमन्ना : बीएएमएस डॉक्टर, खरखौदा, दिव्या चंडीगढ़ की महिला, जिसने भ्रूण जांच कराई, एक एजेंट जो संपर्क में था और सौदे करता था, एक ड्राइवर जो महिला को लेकर बिजनौर गया। इन सभी के खिलाफ बिजनौर शहर थाने में मामला दर्ज किया गया है और पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।
PCPNDT एक्ट और कानूनी कार्यवाही
भारत में भ्रूण लिंग जांच पर पूर्ण प्रतिबंध है। PCPNDT अधिनियम 1994 के तहत भ्रूण लिंग जांच या उसका प्रचार-प्रसार करना दंडनीय अपराध है। दोषी पाए जाने पर 3 से 5 साल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। डॉ. विश्वजीत राठी ने कहा, यह केवल एक डॉक्टर या एजेंट की बात नहीं है, बल्कि यह एक संगठित नेटवर्क का मामला है। हमारी टीम ने योजना बनाकर यह डिकॉय ऑपरेशन चलाया और दोषियों को रंगे हाथ पकड़ा।
बेटियों के अधिकारों के खिलाफ अपराध
भ्रूण लिंग जांच और गर्भपात जैसे अपराध न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि यह बेटियों के अस्तित्व पर सीधा हमला है। आज जब बेटियां हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रही हैं, ऐसे में इस तरह की घटनाएं समाज को शर्मसार करती हैं।