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Rohtak MBBS Exam Scam: रोहतक में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले के मामले में हेल्थ यूनिवर्सिटी के दो कर्मचारी निलंबित कर दिया गया है। जबकि दो कर्मयियों की सेवा पर रोक लगा दी गई है।

Rohtak MBBS Exam Scam: पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज में एमबीबीएस परीक्षा से जुड़े घोटाले का पर्दाफाश होने का मामला सामने आया है। मामले में तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो कर्मचारियों रोशन लाल व रोहित को निलंबित कर दिया गया है और तीन आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज व रितू की सेवाओं पर रोक लगा दी गई।

इसके अलावा एक जांच कमेटी का गठन किया गया है जो इस शिकायत की गहनता से जांच कर रही है, कमेटी को अपनी रिपोर्ट एक महीने में देनी है। प्रशासन का कहना है कि इसके अतिरिक्त परीक्षा शाखा के कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से वहां से बदल दिया गया है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मौके पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के आदेश तुरंत प्रभाव से दे दिये गए हैं और जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

क्या है पूरा मामला ?

मामले के अनुसार, आरोपियों ने एमबीबीएस छात्रों से कथित तौर पर पेपर पास करवाने के लिए प्रति विषय 3 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच लिया है। एक एमबीबीएस छात्र द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों के पास शिकायत देने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ है। छात्र ने बताया कि आरोपी छात्र परीक्षा लिखने के लिए ऐसे पेन का उपयोग करते थे जिसकी स्याही सुखाकर साफ की जा सके। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय से बाहर भेजी जाती थी। इसमें यूनिवर्सिटी के कर्मचारी और राज्य के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्र शामिल हैं। हालांकि खुलासा जांच के बाद ही हो सकता है।

ऐसे देते थे घटनाक्रम को अंजाम

सूत्रों ने बताया कि छात्र मिटाने योग्य स्याही का उपयोग करके परीक्षा लिखते थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय से बाहर भेजी जाती थी। जहां एक्सपर्ट द्वारा हेयर ड्रायर का उपयोग करके लिखावट को हटा दिया जाता था। उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा लिखी गई और मूल्यांकन के लिए जमा की गई परीक्षा पास करने के लिए प्रति विषय 3 लाख से 5 लाख का लेनदेन हुुआ। बाहर ले जाकर आरोपियों की टीम हेयर ड्रायर से स्याही को गायब करके उत्तर पुस्तिकाओं में सही जवाब लिख कर दोबारा सेंटर में भेजती थी। आरोपी एमबीबीएस परीक्षाओं में ही नहीं बल्कि छात्रों को एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स परीक्षा जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कराने में भी मदद करते थे।

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एक माह में कमेटी सौंपेगी रिपोर्ट

कहा तो यहां तक जा रहा है कि अधिकारियों को छात्रों द्वारा अपने आउटसोर्स कर्मचारियों को किए गए दो अलग-अलग ऑनलाइन लेनदेन के सबूत मिले हैं। शिकायत और जांच की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एच के अग्रवाल ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। जबकि तीन आउटसोर्स स्टाफ सदस्यों की सेवाएं जांच पूरी होने तक तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई हैं। उन्होंने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की है। पैनल को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।

स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक में एक शिकायत कुछ दस्तावेज व वीडियो सहित प्राप्त हुई थी, जिसमें एमबीबीएस परीक्षा में कुछ धांधलियों व कमियों को उजागर किया गया था। जिस पर तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो कर्मचारियों रोशन लाल व रोहित को निलंबित कर दिया और तीन आउटसोर्स कर्मचारी दीपक, इंदू बजाज व रितू की सेवाओं पर रोक लगा दी।

इसके अलावा एक जांच कमेटी का गठन किया गया है जो उपरोक्त शिकायत की गहनता से जांच कर रही है, जिसको अपनी रिपोर्ट एक महीने में देनी है। इसके अतिरिक्त परीक्षा शाखा के कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से वहां से बदल दिया गया है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मौके पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के आदेश तुरंत प्रभाव से दे दिये गए हैं और जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी और किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा।

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