Kumari Selja said : चंडीगढ़ में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने विदेश मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब पर गहरी हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि हर शहर में गली-गली में अवैध ट्रैवल एजेंटों के ऑफिस खुले हुए हैं, जो युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर करोड़ों रुपये ठग रहे हैं। खासकर विदेश मंत्रालय इस संदर्भ में जो आंकड़े दिए हैं वे असल स्थिति से बहुत अलग हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि मंत्रालय का यह जवाब और आंकड़े भ्रमित करने वाले हैं क्योंकि अवैध एजेंटों की संख्या और भी अधिक है और सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
विदेश मंत्रालय का जवाब और कुमारी सैलजा का सवाल
कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से यह सवाल पूछा था कि भारत में कितने अवैध ट्रेवल एजेंट सक्रिय हैं जो युवाओं को झूठे वादों पर विदेश भेजते हैं। मंत्रालय ने फरवरी 2025 तक हरियाणा समेत देशभर में कुल 3,281 अवैध एजेंटों को ई-माइग्रेट पोर्टल पर अधिसूचित करने का दावा किया। इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि वे अवैध एजेंटों के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहे हैं और सोशल मीडिया, कार्यशालाओं, प्रशिक्षणों, पुलिस और प्रशासन के माध्यम से लोगों को सतर्क कर रहे हैं, लेकिन कुमारी सैलजा ने कहा कि मंत्रालय का यह आंकड़ा भ्रमित करने वाला है क्योंकि भारत में 2020 में 250,000 से अधिक छोटे आकार के ट्रेवल एजेंट सक्रिय थे और अब अवैध एजेंटों की संख्या और बढ़ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिए गए आंकड़े सिर्फ पंजाब में ही मिल सकते हैं, जबकि पूरे देश में इसका स्तर बहुत अधिक है। कुमारी सैलजा ने कहा कि मंत्रालय को अवैध एजेंटों पर कार्रवाई करने के लिए सही आंकड़े जुटाने चाहिए और इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।
नौकरी के नाम पर अपराधियों की तरह बंधुआ मजदूर बना दिया जाता है
कुमारी सैलजा ने यह भी बताया कि कैसे युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर अवैध एजेंट उनसे लाखों रुपये ले लेते हैं, लेकिन बाद में वे न केवल ठगे जाते हैं, बल्कि उन्हें नौकरी के नाम पर अपराधियों की तरह बंधुआ मजदूर बना दिया जाता है। कई युवाओं ने अपने घर, ज़मीन या दुकान बेचकर इन एजेंटों को पैसे दिए, लेकिन बाद में उन्हें न तो अच्छी नौकरी मिली और न ही वे सुरक्षित रहे। इन युवाओं को विदेशों में शोषण और बुरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है, जहां उनका मानसिक, शारीरिक और आर्थिक शोषण किया जाता है। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह स्थिति सरकार के लिए शर्मनाक है। अगर सरकार पहले ही अवैध एजेंटों पर सख्त कदम उठाती, तो लाखों परिवारों के जीवन में यह संकट नहीं आता। इस मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि अवैध एजेंटों का कारोबार खत्म किया जा सके और युवाओं को ठगी से बचाया जा सके।
कुमारी सैलजा का सवाल- क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
कुमारी सैलजा ने सवाल किया कि सरकार हमेशा आग लगने के बाद कुएं की खोदाई क्यों शुरू करती है? अगर यह काम पहले ही किया गया होता, तो युवाओं को इस दर्दनाक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। सरकार को अवैध एजेंटों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक इस मुद्दे पर सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह समस्या और बढ़ती जाएगी और अधिक युवाओं के भविष्य से खेला जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा- राज्य सरकारों के साथ मिलकर समन्वय कर रहे
विदेश मंत्रालय का कहना है कि वे सोशल मीडिया, ई-माइग्रेट पोर्टल और अन्य माध्यमों के जरिए लोगों को अवैध ट्रेवल एजेंटों के बारे में सतर्क कर रहे हैं। मंत्रालय का कहना है कि वे इस मुद्दे पर राज्य सरकारों के साथ मिलकर समन्वय कर रहे हैं और नियमित रूप से कार्यशालाएं आयोजित कर रहे हैं ताकि अवैध ट्रेवल एजेंटों से बचने के उपायों पर जागरूकता फैलाई जा सके। मंत्रालय ने यह भी बताया कि वे इच्छुक लोगों के लिए सुरक्षित और कानूनी प्रवास के लिए अभियान चला रहे हैं और अपंजीकृत एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य नोडल अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित करते हैं। हालांकि, कुमारी सैलजा का मानना है कि मंत्रालय की ओर से दिए गए प्रयास अपर्याप्त हैं और अवैध एजेंटों पर कार्रवाई के लिए सरकार को और सख्त कदम उठाने चाहिए।
सरकार समय रहते सख्त कदम उठाती तो कई परिवार बच जाते
कुमारी सैलजा ने यह कहा कि अवैध ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सरकार की निष्क्रियता और अनावश्यक देरी के कारण लाखों युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यदि सरकार समय रहते इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाती, तो कई परिवारों को आर्थिक और मानसिक संकट से बचाया जा सकता था। उन्होंने फिर से सरकार से मांग की कि अवैध ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ सही आंकड़े जुटाकर और कठोर कदम उठाकर युवाओं को ठगी से बचाया जाए। इस पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके और युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जा सके।
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