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हरियाणा के सोनीपत में 10 साल पहले बनी रेल हाइराइजर सोसायटी की इमारत जर्जर हो चुकी है। 13 मंजिला इमारत में 660 फ्लैट्स है, जिनमें दरारें आ चुकी है। कई जगहों से लेंटर भी गिर रहा है, जिससे फ्लैट्स में रहने वाले लोगों को जान का खतरा बना हुआ है।

सोनीपत: सेक्टर 10 में बनी रेल हाइराइजर सोसायटी इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं। महज 10 साल पहले बनी यह इमारत अब जर्जर स्थिति में हैं। 13 मंजिला इमारत में 660 फ्लैट्स हैं, जो इतने जर्जर हो चुके है कि आए दिन कहीं ना कहीं से मलबा गिरता है। इमारत में रहने वाले लोग हर समय अपनी जान पर खतरा महसूस कर रहे हैं। हालांकि सोसायटी (Society) के जर्जर टावरों का स्ट्रक्चल आडिट शुरू हो गया है। भारतीय रेल कल्याण संगठन ने एक प्राइवेट कंपनी को स्ट्रक्चल आडिट का जिम्मा सौंपा है। कंपनी की टीम ने मंगलवार से काम शुरू भी कर दिया है, जो 31 दिसंबर तक टेस्ट करेगी।

बेसमेंट के पिलरों की शुरू हुई जांच

कंपनी की टीम ने सबसे पहले बेसमेंट के पिलर की जांच शुरू की है। ताकि पता चल सके कि यह सोसायटी के टावरों का भार सहने लायक है या नहीं। पांच सदस्यीय टीम मंगलवार से शुरू कर 31 दिसंबर तक सोसायटी के सभी जर्जर भवनों का स्टेबिलिटी टेस्ट करेगी। इसके बाद रिपोर्ट सौंपी जाएगी। सोसायटी में काफी भवन जर्जर हो चुके हैं। सोसायटी में कई बार लेंटर व मलबा गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। बता दें कि सेक्टर-10 में 2014 में रेल हाइराइजर सोसायटी बसाई गई थी। सोसायटी 10 साल में ही जर्जर हो गई है।

13 मंजिला टावर में आ चुकी दरार

रेल हाइराइजर सोसायटी के 13 मंजिला टावरों में जगह-जगह दरारें आ चुकी हैं। जगह-जगह सरिये दिखाई दे रहे हैं। जगह-जगह से प्लास्टर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। कई बार मलबा गिरने से यहां रहने वाले लोग डर के साए में जी रहे हैं। एक बार तो कुछ बच्चे मलबे की चपेट में आने से बाल बाल बच गए थे। वैसे खास बात यह है कि अधिकतर फ्लैट मालिकों ने अपने फ्लैट किराए पर दे रखे हैं और जो रहवासी हैं वो मलबा गिरने व इमारत के जर्जर होने से परेशान हैं।

31 दिसंबर तक ऑडिट करेगी टीम

बता दें कि इमारत की जर्जर हालत को लेकर शिकायत की गई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए भारतीय रेल कल्याण संगठन के जनरल मैनेजर ने 25 नवंबर को ही सोसायटी के स्ट्रक्चल आडिट के आदेश जारी किए थे। जिसके बाद मैसर्ज क्वालिटी आस्ट्रिया सेंट्रल एशिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को स्ट्रक्चल आडिट टेस्ट करने का काम दिया गया है। टीम ने भी मंगलवार से ही काम शुरू कर दिया था जो 31 दिसंबर तक चलेगा। शुरूआत बेसमेंट से की गई है। धीरे धीरे कर पूरी इमारत का स्ट्रक्चल ऑडिट टेस्ट किया जाएगा।

इमारत के जर्जर होने की मिल रही शिकायत

जिला नगर योजनाकार नरेश कुमार ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने इमारत के जर्जर होने की शिकायत की थी। जिसके बाद स्ट्रक्चल ऑडिट करने की सिफारिश की गई थी। ऑडिट शुरू हो गया है, टीम लगातार काम कर रही है और रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। तकनीकी विशेषज्ञों से रिपोर्ट का रिव्यू कराने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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