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हरियाणा के पुराने रोहतक यानि सोनीपत, रोहतक व झज्जर को भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है, लेकिन सोनीपत में इस बार सीट फंसती दिख रही है। इसके कारण हुड्डा को राहुल गांधी की रैली करवाने की जरूरत पड़ रही है, जिससे वोट प्रतिशत बढ़े और जीत सुनिश्चित हो सके।

दीपक वर्मा, सोनीपत: प्रदेश के ओल्ड रोहतक, जिसमें वर्तमान के रोहतक, सोनीपत और झज्जर जिले आते हैं। इसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता रहा है। आलम ये है कि इन तीन जिलों की लगभग 14 विधानसभाओं पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खासा प्रभाव भी रहता है। लेकिन इस बार के विधानसभा चुनावों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का प्रभाव इस बेल्ट पर कम हो रहा है या फिर कांग्रेस का आलाकमान मिस मैनेजमेंट का शिकार हो गया है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सोनीपत से चुनाव हार गए थे।

क्षेत्र में सीमित संख्या में हुई गांधी परिवार की रैली

पिछले कई लोकसभा या विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो ओल्ड रोहतक बेल्ट में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी या गांधी परिवार के अन्य किसी सदस्य को लेकर बहुत ही सीमित संख्या में रैलियां हुई हैं। इस बार पहले तो लोकसभा में भी इस बेल्ट में राहुल गांधी की रैलियां की गई और अब विधानसभा चुनावों में तो रैली के अलावा एक तरह से जनसंपर्क अभियान ही करवाया जा रहा है। मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सोनीपत पहुंच रहे हैं। इससे पहले वे बहादुरगढ़ में यात्रा करेंगे और फिर खरखौदा में कई जगहों पर कार्यक्रम करने के बाद सोनीपत शहर से होते हुए गन्नौर और फिर गोहाना पहुंचेंगें।

2019 में 14 सीटों के ये थे परिणाम

2019 के विधानसभा चुनावों में 14 विधानसभाओं में 11 पर कांग्रेस, 2 पर भाजपा और 1 पर निर्दलीय विधायक ने बाजी मारी थी। इसमें रोहतक जिले की 4 विधानसभाओं में से तीन पर कांग्रेस भारत भूषण बत्रा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, शकुंतला खटक और 1 निर्दलीय बलराज कुंडू शामिल हैं। वहीं झज्जर की चारों सीटों से कांग्रेस की गीता भुक्कल, कुलदीप वत्स, रघुवीर सिंह कादियान, राजिंदर सिंह जून ने जीत दर्ज की थी। सोनीपत की छह विधानसभाओं में से 4 पर कांग्रेसी सुरेंद्र पंवार, जयवीर वाल्मीकि, जगबीर मलिक, इंदुराज नरवाल ने जीत दर्ज की थी, जबकि राई से भाजपा के मोहन लाल बड़ौली और गन्नौर से निर्मल रानी ने जीत दर्ज की थी।

भाजपा भी कर रही है फोकस

भाजपा का भी ओल्ड रोहतक की 14 सीटों पर सबसे अधिक फोकस है। जिसके चलते भाजपा ने भी 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली गोहाना में करवाई। रोहतक, सोनीपत और झज्जर भी पूरा जोर लगा रही है, जिसके कारण हुड्डा के प्रभाव वाले इस इलाके में कई सीटों पर कांटे की टक्कर बनी हुई है। विशेषतौर पर सोनीपत जिले में कांग्रेस सभी सीटों पर फंसी हुई दिखाई दे रही है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए भूपेंद्र हुड्डा ने राहुल गांधी के दौरे का ज्यादा समय सोनीपत को दिया है।

सोनीपत में कांग्रेस की दांव पर लगी साख

जिन इलाकों में नजदीकी मुकाबला होता है, उन्हीं इलाकों में आमतौर पर स्टार प्रचार को बुलाया जाता है। राहुल गांधी इस समय कांग्रेस के सबसे बड़े स्टार प्रचारक हैं। राहुल गांधी को बहादुरगढ़, खरखौदा, सोनीपत, गन्नौर और गोहाना विधानसभाओं में घुमाया जाएगा। सोनीपत जिले की छह विधानसभाओं में से 4 विधानसभाओं में राहुल गांधी के दौरे का सीधा मतलब ये है कि इन सभी सीटों पर कांग्रेस फंसी हुई महसूस कर रही है। इसी वजह से राहुल गांधी के जरिये आसपास की विधानसभाओं में भी वोट बढ़ जाने की उम्मीद की जा रही है। वैसे भी ओल्ड रोहतक बेल्ट में सोनीपत 6 विधानसभाओं के साथ बहुत बड़ा आधार रखता है।

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