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हरियाणा के गन्नौर में यमुना के ताजे वाला हैड से यमुना में छोड़ा गया करीब 65 हजार क्यूसिक पानी गन्नौर के बेगा घाट से गुजरने लगा है। यमुना का पानी अब तक तटबंधों के अन्दर से ही होकर गुजर रहा है। प्रशासन का दावा है कि सवा लाख क्यूसिक पानी के आने तक किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।

गन्नौर/सोनीपत: पहाड़ों में वर्षा होने और हिमाचल के सिरमौर में बादल फटने के बाद यमुना के ताजे वाला हैड से यमुना में छोड़ा गया करीब 65 हजार क्यूसिक पानी गन्नौर के बेगा घाट से गुजरने लगा है। यमुना का पानी अब तक तटबंधों के अन्दर से ही होकर गुजर रहा है। यमुना में ज्यादा पानी आने को लेकर प्रशासन का दावा है कि प्रशासन द्वारा करीब सवा लाख क्यूसिक पानी के आने तक किसी तरह का कोई नुकसान न हो, इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है। इसके लिए 13 ठोकर रेत के कट्टे भरने के बाद ठोकर बनाकर लोहे की जाल से बांध दिया गया है। यमुना के तटबंध के अन्दर खेती करने वाले किसानों की चिंता भी कम हो गई है।

कच्चे कट्टों की ठोकरे किसानों के लिए खतरा

किसानों का कहना है कि कच्ची ठोकर के कारण किसानों को भय है। इस बार पत्थर से पक्की ठोकर नहीं बनाई गई। जिस कारण कच्ची ठोकरे किसानों के लिए खतरे की घंटी है। जब ज्यादा पानी के बहाव में पत्थर की बनी हुई ठोकरे भी बह जाती थी तो कच्ची ठोकर कैसे ठहर पाएगी, जिससे किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। ताजे वाला हैड से छोड़े गए पानी का भी उन्हें भय सता रहा था लेकिन अब तक पानी ने नुकसान नहीं किया। किसानों ने बताया कि ज्यादा पानी आने के बाद यमुना का पानी हर हाल में किसानों की फसल व जमीन को नुकसान पहुंचाता है।

घबराने की जरूरत नहीं

यमुना के ताजे वाला हैड से छोड़े गए पानी को लेकर एसडीएम डॉ. निर्मल नागर ने बताया कि अभी तक ज्यादा पानी नहीं छोड़ा गया है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। यमुना का पानी तटबंधों के अन्दर से चल रहा है। व्यवस्था को लेकर संबधित विभाग के अधिकारियों के साथ दौरा भी कर चुके है। इसके बाद भी अगर किसानों को कोई परेशानी आती है तो तुरन्त सूचना दे।

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