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हरियाणा के यमुनानगर में प्रॉपर्टी आइडी को ठीक करवाने के नाम पर नगर निगम के एक कर्मचारी को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पांच हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

यमुनानगर: रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। आए दिन सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को रिश्वत मामले में पकड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में प्रॉपर्टी आइडी को ठीक करवाने के नाम पर नगर निगम के एक कर्मचारी को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पांच हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। गिरफ्तार किए गए आरोपी से एसीबी की टीम पूछताछ कर रही है

प्रॉपर्टी आइडी में नाम था गलत

एसीबी इंस्पेक्टर सतपाल ने बताया कि टैगोर गार्डन निवासी राजिंद्र शर्मा का 70 वर्ग गज का प्लॉट है। जिसकी प्रॉपर्टी आईडी किसी और के नाम गलत दर्ज हुई थी। राजिंद्र शर्मा उसे ठीक करवाने के लिए कई दिनों से निगम के चक्कर लगा रहा था। नगर निगम में तैनात कर्मी छछरौली निवासी आलोक जो अप्रोचमेंट रिमूवर के पद पर है, आजकल वह कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर प्रॉपर्टी आईडी ठीक करने का कार्य कर रहा था। बुधवार को उसकी ड्यूटी उप मंडल अधिकारी जगाधरी के कार्यालय में विधानसभा चुनाव के नॉमिनेशन फाइल करने के लिए लगी हुई थी।

प्रॉपर्टी आइडी ठीक करने के लिए मांगी रिश्वत

पीड़ित राजिंद्र की आलोक से प्रॉपर्टी आईडी ठीक करने को लेकर बातचीत हुई। आलोक ने इस काम के लिए राजिंद्र से छह हजार रुपए की मांग की, लेकिन पांच हजार रुपए में बात तय हो गई। राजिंद्र ने इसकी शिकायत एसीबी को दी। एसीबी की टीम ने नोटों पर रंग लगाकर राजिंद्र को दे दिए। राजिंद्र ने कोर्ट परिसर की एक दुकान पर निगम कर्मी आलोक को रिश्वत के पांच हजार रुपए थमा दिए। इशारा पाते ही एसीबी की टीम ने आरोपी को नोटों सहित रंगे हाथों पकड़ लिया। एसीबी की टीम ने आरोपी को मौके पर गिरफ्तार कर केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी।

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