यमुनानगर: खोल गांव में दो अक्टूबर को संदिग्ध हालत में आग लगने से झुलसकर हुई परिवार के दो सदस्यों सहित तीन लोगों की मौत मामले में नया मोड़ आया। गैस एजेंसी की ओर से प्रशासन को दी गई रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि सिलेंडर गैस लीक होकर फटा नहीं था। एजेंसी ने गैस लीक होने की संभावना को भी रिपोर्ट में खारिज किया। वहीं मृतकों के परिजनों ने गैस एजेंसी संचालक की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए गैस लीक होने से ही हादसा होने का दावा किया है। परिजनों ने एसपी से गैस एजेंसी संचालक के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की।
आग लगने से 3 लोग थे झुलसे
गांव के एक परिवार के दो सदस्यों सहित तीन लोगों को झुलसी हुई अवस्था में ट्रॉमा सेंटर लगा गया था। हालत गंभीर होने के कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया, जहां तीनों की मौत हो गई। परिजनों ने झुलसने का कारण गैस लीक होने के कारण लगी आग बताया। कुछ लोगों ने सिलेंडर फटने की बात भी कही। गैस एजेंसी के कुंड प्रबंधक के अनुसार 4 अक्टूबर को खोल गांव में हादसे की सूचना किसी ने फोन पर दी थी। इसके बाद वह खोल गांव में ग्राहक दयाशंकर के घर गए और गैस का निरीक्षण किया। गैस सिलेंडर, रेग्यूलेटर, चूल्हा में किसी प्रकार की कोई खराबी नहीं थी। मौके पर सुरक्षा पाइप नहीं पाई गई।
सिलेंडर में नहीं थी लीकेज
ग्राहक ने सिलेंडर 11 सितंबर को लिया था। दो अक्टूबर की सुबह 9 बजे हादसा हुआ। इससे पहले सिलेंडर सही चल रहा था। इसमें कोई लीकेज नहीं था। दूसरी ओर मृतक के परिवार के सदस्य उमेश ने माना कि सिलेंडर नहीं फटा था, लेकिन गैस जरूर लीक हुई थी। उसने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। एसएचओ प्रहलाद सिंह ने बताया कि पुलिस गैस एजेंसी की रिपोर्ट व अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकेगा।
खुद को बचाने का प्रयास कर रहे एजेंसी संचालक
मृतक शोभित के पिता दयाशंकर ने एसपी के नाम लिखे पत्र में दावा किया कि जब उसकी पत्नी ने गैस चलाने का प्रयास किया, तो लीकेज के चलते गैस ने आग पकड़ ली, जिससे उसके बेटे व पत्नी की मौत हो गई। इसके लिए गैस कंपनी व एजेंसी संचालक पूरी तरह से जिम्मेदार हैं, लेकिन वह अपने आप को बचाने के लिए गैस लीक नहीं होने का झूठा दावा कर रहे हैं। उस सिलेंडर से अभी तक गैस का रिसाव होता रहा है।