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MP Ajeevika Mission scam: आजीविका मिशन के तहत मध्य प्रदेश के 15 जिलों में मिशनकर्मियों की नियुक्ति हुई थी, जिसमें फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए EOW से शिकायत की गई थी। कार्रवाई न पर कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।

MP Ajeevika Mission scam: आजीविका मिशन में नियम विरुद्ध नियुक्ति और इसमें हुए भ्रष्टाचार के मामले में विभागीय अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। भोपाल कोर्ट ने EOW से जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है। मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पूर्व IAS मनोज श्रीवास्तव, ललित मोहन व अशोक शाह सहित अन्य अफसरों के नाम शामिल हैं।  

EOW से स्टेटस रिपोर्ट तलब 
2017-18 में हुई मिशनकर्मियों की नियम विरुद्ध नियुक्ति और भ्रष्टाचार की शिकायत EOW से की गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद आवेदक आरके मिश्रा ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है। कोर्ट ने जांच और स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट से स्टेटस रिपोर्ट मांगे जाने के बाद EOW ने मप्र सामान्य प्रशासन विभाग ( GAD) से कार्रवाई की अनुमति मांगी है। फिलहाल मामला पेंडिंग है।  

यूं समझें पूरा मामला 
आजीविका मिशन के तहत 15 नए जिलों में मिशनकर्मियों की नियुक्ति हुई थी। जिसमें नियमों की अनदेखी व विभागीय मंत्री के आदेश न मानने का आरोप लगाते हुए  EOW से शिकायत की गई थी। बताया कि तत्कालीन परियोजना प्रबंधक ललित मोहन बेलवाल ने 8 मार्च 2017 को प्रशासकीय स्वीकृति के लिए फाइल तत्कालीन अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास इकबाल सिंह बैंस को भेजी थी। इसमें विज्ञापन जारी करने व चयन प्रक्रिया के लिए कमेटी बनाने की टीप लिखी गई, लेकिन बैंस ने नियमों को नजरअंदाज करते हुए विभागीय मंत्री के पास फाइल ही नहीं भेजी। उनके ओदशों की भी अवहेलना की। 

7 जुलाई से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करें
आईएएस नेहा मारव्या ने 8 जून 2022 को जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसमें नियुक्तियों में गड़बड़ी की पुष्टि हुई, लेकिन FIR नहीं कराई गई। जिम्मेदार अफसरों ने ललित मोहन बेलवाल से इस्तीफा दिलवाकर मामले को दबाने का प्रयास किया। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट तरुणेंद्र सिंह ने EOW से 7 जुलाई से पहले जांच प्रतिवेदन कोर्ट को प्रस्तुत करने को कहा है।  

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