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अशोकनगर।  जिले के एक महिला थाने में कुत्ते और उसके बच्चे को देखकर पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुलिसकर्मियों पर लिए गये एक्शन पर रिएक्शन हुआ।

अशोकनगर।  जिले के एक महिला थाने में कुत्ते और उसके बच्चे को देखकर पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुलिसकर्मियों पर लिए गये एक्शन पर रिएक्शन हुआ है। पुलिस अधीक्षक ने महिला थाने में कुत्ते और उसके बच्चों को देखकर 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड़ किया था। जिसका आदेश निरस्त कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई पर पशु प्रेमी संगठन द्वारा आपत्ति दर्ज करने पर पुलिसकर्मियों के सस्पेंड़ का आदेश निरस्त कर दिया गया है। महज 48 घंटे के अंदर सस्पेंड किये गये पुलिसकर्मी फिर से ड्यूटी  पर लौटेंगे।  कुत्ते और उसके बच्चों को लेकर इससे पूर्व पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी किए गये आदेश में थाने परिसर में कुत्तों के नहीं घुसने को लेकर भी हिदायत दी गई थी। जिस पर पशु प्रेमी संगठन द्वारा नाराजगी जाहिर की गई है।

प्रवेश न करें
जानकारी के अनुसार प्रदेश के अशोक नगर जिले के महिला थाने में निरीक्षण करने पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने कुत्तों और उनके बच्चों को देखकर बड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए तुरंत ही विभागीय कार्रवाई की। इस घटना की जानकारी पशुप्रेमी संगठन को लगने पर संगठन के लोगों ने तुरंत ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया। मामले को तूल पकड़ता देख इस पुलिस विभाग की ओर से सस्पेंड़ किये गये पुलिसकर्मियों के आदेश को निरस्त कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि निरीक्षण पर आये पुलिस अधीक्षक ने थाने परिसर में कुत्तों को देखते हुए आदेश जारी किया। संबंधित आदेश में एक उप निरीक्षक सहित 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया था कि थाना परिसर में कुत्ते और अन्य जानवर दोबारा प्रवेश न करें, इसका विशेष रूप से ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इस आदेश को लेकर पशुप्रेमी संगठन द्वारा तुरंत ही नाराजगी जाहिर की गई।

पुष्टि की
पशु प्रेमी द्वारा इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा गया कि जानवरों के किसी स्थान पर उनके रहने पर उन्हें वहां से भगाना कानूनी प्रावधान में उल्लंघन माना गया है। पशु प्रेमी द्वारा कहा गया कि जिले में बेजुबान जानवरों के हित में जितने बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं, संगठन के लोगों द्वारा लिए जा रहे हैं। महिला थाने में जानवरों के संबंध में पुलिसकर्मियों पर की गई कार्रवाई और जानवरों के प्रवेश को लेकर जारी किए गये आदेश पर पुर्नविचार किया गया है। पुलिस अधीक्षक द्वारा भी संबंधित आदेश को निरस्त किये जाने के संबंध में पुष्टि की गई है। 

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