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MP Weather Update: मध्य प्रदेश के करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में  सोमवार को मध्यम और सामान्य बारिश हो सकती है। प्रदेशभर में बारिश की गतिविधियां जारी हैं, इससे तापमान में भी बदलाव दर्ज किया गया है। जुलाई के पहले सप्ताह तक तापमान के 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। रविवार को राजधानी में इस साल के जून महीने का सबसे कम दिन का तापमान रहा। पिछले 10 दिनों में प्रदेश में न्यूनतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया।

MP Weather Update: मध्य प्रदेश के करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में  सोमवार को मध्यम और सामान्य बारिश हो सकती है। इनमें प्रमुख रूप से सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना आदि जिले शामिल हैं। इसके अलावा शहडोल, उमरिया, नरसिंहपुर, पन्ना, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्ना आदि जिलों में भी सामान्य बारिश हो सकती है

बारिश और रफ्तार पकड़ेगी
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार अभी मानसून की उत्तरी सीमा जैसलमेर, चूरू, हिसार, करनाल, जालंधर, तरनतारन से होकर गुजर रही है। इसके अलावा पूर्वी झारखंड के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है। वहीं, दक्षिणी गुजरात तट से लगे उत्तर पूर्व अरब सागर से लेकर मध्य देश के ऊपर साईवलोनिक सर्कुलेशन भी सक्रिय है। उत्तरी गुजरात के ऊपर भी एक सर्कुलेशन बना है।

तापमान में तेजी से कमी आई
राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में बारिश की गतिविधियां जारी हैं। इससे तापमान में भी बदलाव दर्ज किया गया है। रविवार को राजधानी में इस साल के जून महीने का सबसे कम दिन का तापमान रहा। पारा 2.2 डिग्री गिरकर 30.2 डिग्री रहा, जो नॉर्मल से 3.4 डिग्री कम है। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में बारिश की गतिविधियों और तेज से मध्यम हवाओं के बीच तापमान में तेजी से कमी आई है।

असर मध्यप्रदेश में भी
प्रदेश में औसत अधिकतम पारा करीब 3 डिग्री तक गिरने से गर्मी से राहत रही, लेकिन उमस परेशान करती रही। सबसे अधिक गिरावट नौगांव में 5 डिग्री की रही। यहां पारा 28 डिग्री रहा। शिवपुरी, खजुराहो, उमरिया में 4, दमोह, जबलपुर, मंडला, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़ सहित दो दर्जन से अधिक जिलों में पारा 2 से 3 डिग्री तक गिरकर नीचे आया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार देश में पांच साइक्लोनिक ​​​​​सिस्टम और ट्रफ लाइन सक्रिय हैं। जिसका असर मध्यप्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। 

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