Attack on Indian students in Kyrgyzstan: किर्गिस्तान में जारी हिंसा के बीच उज्जैन के दर्जनभर छात्र वहां फंसे हुए हैं। दहशत में जिंदगी काट रहे इन छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मदद की गुहार लगाई है। बताया कि राजधानी बिश्केक और आसपास के इलाकों में भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी स्टूडेंट्स को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए हमें सुराक्षित भारत बुलवा लें।
CM मोहन यादव ने छात्रों से की बात
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किर्गिस्तान में फंसे उज्जैन के मेडिकल छात्रों से वीडियो कॉल कर बात की। उन्हें भरोसा दिलाया कि हॉस्टल में रहकर वह पढ़ाई करें। उनकी परीक्षा होने वाली है, इसलिए परीक्षा पर ध्यान दें। एक्जाम बाद ढाई माह का अवकाश होगा तो उन्हें घर बुलवाएंगे। सीएम ने उन्हें आश्वस्त किया है कि कोई अप्रिय स्थिति बनने पर जिला प्रशासन से बात कर सकते हैं। हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। सीएम ने बताया कि मप्र के 1200 और पूरे देश से 30 हजार विद्यार्थी किर्गिस्तान में रहकर पढाई कर रहे हैं।
किर्गिस्तान में पढ़ रहे छात्रों से संवाद...#DrMohanYadav#CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/Ymk1urm3Ll
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) May 21, 2024
मां बोली-बेटे की जान को खतरा
दरअसल, भारत से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान में रहते हैं। उज्जैन के राज सोलंकी भी इन्हीं में से एक हैं। राज की मां अलका ने बेटे की जान को खतरा बताया है। कहा, क्रिमिनल्स हॉस्टल में घुसकर मारते हैं, लेकिन सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। उन्हें गेट लॉक कर और परदे लगाकर रखने को कहा जा रहा है।
वीडियो देखें...
किर्गिस्तान में जारी हिंसा के बीच उज्जैन के दर्जनभर छात्र वहां फंसे हुए हैं। सोमवार 20 मई को कलेक्टर नीरज कुमार को वीडियो कॉल कर मदद की गुहार लगाई है। pic.twitter.com/9NnxjpQAPX
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) May 21, 2024
भारत के मुकाबले काफी सस्ती पढ़ाई
उज्जैन के योगेश चौधरी भी किर्गिस्तान में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। वह फोर्थ ईयर के स्टूडेंट्स हैं। पिता डॉ. चैनसिंह ने बताया कि किर्गिस्तान में भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश के मुकाबले मेडिकल पढ़ाई काफी सस्ती है। इसीलिए इतनी संख्या में छात्र वहां जाते हैं। किर्गिस्तान सरकार ने ऑनलाइन एग्जाम की व्यवस्था की है, लेकिन भारत सरकार को छात्रों को वहां से बुलाने का इंतजाम करना चाहिए।
मदद न मिली तो विदेश मंत्री से बात करेंगे परिजन
डॉ. चैनसिंह ने कहा, सरकार ने जल्द इस बारे में फैसला नहीं लिया तो दिल्ली जाकर विदेश मंत्री से मिलेंगे। तीसरे स्टूडेंट रवि सराटे की मां लीना ने बताया कि किर्गिस्तान की स्थिति बहुत भयावह है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से हम लोग यही चाहते हैं कि यूक्रेन युद्ध की तरह जिस तरीके से भारतीय स्टूडेंट की मदद की गई थी, वैसी ही तत्परता इस मामले में दिखाई जाए।
उज्जैन कलेक्टर ने की बात
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह व एसपी प्रदीप शर्मा ने किर्गिस्तान में फंसे छात्रों से बात कर हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया है। छात्र रोहित पांचाल से बात करते हुए उन्होंने किर्गिस्तान में फंसे अन्य छात्रों के मोबाइल नंबर और पता नोट कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
उज्जैन के यह छात्र किर्गिस्तान में फंसे
उज्जैन के छात्र योगेश चौधरी, राज सोलंकी, विवेक शर्मा, रवि सराठे, रोहित पांचाल व प्रवीण प्रजापति एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट किर्गिस्तान के छात्र हैं। रिया टाटावत बिश्केक की आईएसएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही है।