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MP Health News : जून के महीने में जहां पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, वहीं मानसून में मच्छरों से होने वाली मारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसी को देखते हुए हर साल जून में मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जाता है।

MP Health News : जून के महीने में जहां पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, वहीं मानसून में मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसी को देखते हुए हर साल जून में मलेरिया निरोधक माह के रूप में मनाया जाता है। राजधानी भोपाल में इस कड़ी में मलेरिया से बचाव और लक्षणों की जानकारी जागरूकता रथ को भी हरी झंडी दिखाई गई।

मलेरिया की जांच की सुविधा उपलब्ध है
जागरुकता रथ को सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी और जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने हरी झंडी दिखाकर शहरभर में रवाना किया है। रथ में मलेरिया की जांच की सुविधा उपलब्ध है। रथ के माध्यम से जाते हुए चिकित्सा क्षेत्र के लोग पूरे शहर में लोगों को मच्छरों से पनपने वाली बीमारी और बारिश में जमा पानी की निकासी से बीमारियों से दूर रहने के लिए सचेत करेंगे।

मलेरिया की जानकारी प्रसारित करेंगे
जागरुकता रथ शहर के चार इमली, न्यू मार्केट, तुलसी नगर, एमपी नगर, हबीबगंज, अन्ना नगर, पिपलानी, गोविंदपुरा, कोलार, नीलबड, अशोक गार्डन, पंजाबी बाग, पुराना भोपाल, इंद्रपुरी, बरखेड़ा पठानी, बैरागढ़, गांधीनगर समेत भोपाल के कई स्थानों में पहुंचकर मलेरिया की जानकारी प्रसारित करेगा। इस मौके पर लोगों को उनके बेहतर स्वास्थ्य के बारे बीमारियों से दूर रहने की जानकारी भी टीम के लोग देंगे।

2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य
सीएमएचओ डॉ. तिवारी ने बताया कि साल 2016 में भारत सरकार द्वारा नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन जारी किया गया है। इसके तहत साल 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य है। मलेरिया का खतरा पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा रहता है। तेज ठंड देकर बुखार, कंपकंपी, सिर दर्द, बदन दर्द, उल्टी होना मलेरिया के प्रमुख लक्षण है। प्रदेश में मलेरिया फैलाने वाले दो परजीवी प्लाज्मोडियम फेल्सीफेरम एवं प्लाज्मोडियम वाई वेक्स है। एनाफिलीज मच्छर रुके हुए साफ पानी में जैसे कि धान का खेत तालाब, गडे, कृत्रिम जलाशय, नदियां, हैंड पंप, नल के आसपास जमा पानी, नहर में रुके हुए पानी में पनपते है।

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