Bandhavgarh Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के उमरिया स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। 4 दिन के अंदर यहां 10 हाथी अपनी जान गंवा चुके हैं। विभागीय अधिकारी जांच के लिए बांधवगढ़ पार्क पहुंचे, लेकिन मौतों की वजह स्पष्ट नहीं हो पाईं।
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 4 दिन में 10 हाथियों की मौत से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। WCCB और एनटीसीए की टीमें जांच में जुटी हैं, लेकिन शिकारियों तक नहीं पहुचा जा सका। pic.twitter.com/GxRrMS328n
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) November 1, 2024
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हाथियों के मौत की जांच के लिए वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) दिल्ली ने SIT गठित की है। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने भी घर और खेतों की तलाशी ली है। कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। शुरुआती जांच में हाथियों की मौत वजह जहरखुरानी सामने आई है। जहर किसने और कैसे दिया? यह जानकारी जुटाई जा रही है।
खितौली-पतौर रेंज में 13 में से 10 हाथी मरे
नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथॉरिटी (एनटीसीए) सेंट्रल जोन के AIG नंदकिशोर काले अन्य अफसरों के साथ बांधवगढ़ नेशनल पार्क में डेरा डाले हुए हैं। बताया कि खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुंड में से 10 की मौत हो गई है। अभी 5 किमी के दायरे में जांच की जा रही है। पार्क आने-जाने वालों का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है।
अचानक बेहोश होकर गिरे हाथी
वन विभाग के मुताबिक, खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों का झुंड रहता था। इनमें से 10 हाथियों की मौत हो गई। 100 से 200 मीटर के एरिया में वह अचानक बेहोश होकर गिर गए। पोस्टमार्टम के बाद बिसरा सैंपल जबलपुर स्थित स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एवं हेल्थ भेजा है।
यह भी पढ़ें: मध्यप्रदेश: बांधवगढ़ में 8 हाथियों की मौत के बाद केंद्र सरकार अलर्ट, जहर कैसे और किसने दिया? जांच के लिए SIT गठित
जलस्रोतों और खेतों की जांच
NTCA की टीम ने आसपास के नदी तालाबों सहित अन्य जलस्रोतों के पानी की जांच कराई है। शिकारियों पर भी आशंका है। फिलहाल, पता लगाया जा रहा है कि हाथियों किस कीटनाशक के कारण हुई है। पार्क से लगे खेतों की भी जांच पड़ताल की जा रही है। फसल को बचाने के लिए किसी ने जहर तो नहीं रखा।