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भिंड के जिला अस्पताल में रविवार को दो नवजात बच्चों की मौत का मामला सामने आया। परिजनों ने डिलीवरी के दौरान नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही और रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए। घटना के बाद अस्पताल में हंगामा हुआ।

MP News: भिंड के जिला अस्पताल में रविवार को दो नवजात बच्चों की मौत का मामला सामने आया। परिजनों ने डिलीवरी के दौरान नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही और रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए। घटना के बाद अस्पताल में हंगामा हुआ। सूचना मिलते ही  मौके पर सिविल सर्जन पहुंचे। इस दौरान पुलिस के जवान ने मृत नवजात के पिता की कॉलर पकड़ ली। इस पर अटेंडर्स के साथियों ने विरोध किया। इसके बाद कोतवाली पुलिस आई तब मामला शांत हुआ। 

अस्पताल में लापरवाही के आरोप
बता दें, सुबह 3-4 बजे खिरिया तोर मेहगांव की रहने वाली उमा देवी मौर्या को प्रसव के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। परिजनों का आरोप है कि डिलीवरी के दौरान नर्सिंग स्टाफ ने 5000 रुपया की मांग की, जब पैसै देने से इंकार कर दिया तो डिलीवरी में लापरवाही बरती गई। जिससे नवजात शिशु की मौत हो गई। परिवार ने इस घटना पर अस्पताल के बाहर जमकर विरोध किया।

सिविल सर्जन की मौजूदगी में हुआ विवाद
घटना की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. आरके मिश्रा मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस चौकी को बुलाया। पुलिस जवान ने मृतक बच्चे के पिता की कॉलर पकड़कर बदसलूकी की, जिसके बाद परिजनों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया। अंततः कोतवाली थाना पुलिस को बुलाया गया, जिसने माहौल को शांत किया।

दूसरी घटना में भी नवजात की मौत
वहीं, उमरी से आई एक दूसरी प्रसूता, स्वाति रावत, को भी प्रसव के लिए जिला अस्पताल लाया गया। रेफरल के बावजूद, ऑक्सीजन एंबुलेंस की कमी के कारण स्वाति अपने नवजात को दो घंटे की देरी से जिला अस्पताल पहुंची। बच्चे को क्रिटिकल वार्ड में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के बावजूद नवजात की जान नहीं बचाई जा सकी। इस घटना के बाद भी परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल
इन घटनाओं के बाद जिला अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर प्रसूता और नवजात शिशुओं की देखभाल में हुई संभावित लापरवाही पर परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है, और मामले की जांच की मांग की है।


 

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