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Aalmi Tablighi Ijtima : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा 29 नवंबर काे शुरू होगा और 2 दिसंबर को समाप्त होगा। मंत्री कृष्णा गौर ने गुरुवार, 7 नवंबर को अफसरों संग कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया।

Aalmi Tablighi Ijtima: दुनिया का सबसे बड़ा आलमी तब्लीगी इज्तिमा 29 नवंबर से भोपाल के ईंटखेड़ी में शुरू होगा। चार दिवसीय इस आयोजन में 10 से 12 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान है। देश-विदेश की 30 हजार से ज्यादा जमातें हिस्सा लेंगी। खास बात यह है कि इतना बड़ा कार्यक्रम पूरी तरह प्लास्टिक फ्री होगा। सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है।  

आलमी तब्लीगी इज्तिमा मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। ग्रीन और क्लीन थीम पर केंद्रित इस आयोजन में साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष फोकस किया गया है। गुरुवार को मंत्री कृष्णा गौर ने अधिकारियों संग कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। कहा, व्यस्थाएं ऐसी हों कि लोग यहां अच्छे अनुभव वापस लेकर जाएं। 

आलमी तब्लीगी इज्तिमा क्या है?
आलमी तब्लीगी इज्तिमा अरबी शब्द है। हिंदी में इसे विश्व स्तरीय धार्मिक सम्मेलन कह सकते हैं। इज्तिमा में दुनियाभर के लोग एकत्रित होते हैं और विश्व शांति का सन्देश देते हैं। इसमें लोग समाजिक एकजुटता, पैगंबर हजरत मोहम्मद और कुरान में बताए सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लेते हैं। साथ ही धर्म और इंसानियत की बातें करते हैं। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक, बल्कि समाज में शांति और भाईचारा स्थापित करने के उद्देश्य से भी अहम है।

1947 में पहला इज्तिमा 
भारत में आलमी तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत 1947 में हुई थी। इसका पहला भोपाल की शकूर मस्जिद में हुआ था। इस कार्यक्रम में 12 से 14 लोग ही शामिल हुए थे। 1971 में ताजुल मस्जिद में पहला बड़ा आयोजन हुआ। इसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। मौलाना मिस्कीन ने इस इज्तिमा की नींव रखी थी।

Bhopal Aalmi Tablighi Ijtima Krshna Gaur
आलमी तब्लीगी इज्तिमा, मंत्री कृष्णा गौर ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजा।

भोपाल में इज्तिमा इतिहास 
भोपाल में इज्तिमा की शुरुआत 1947 में घाटी भड़भूजा इलाके से हुई। मुस्लिम समुदाय के 4 लोगों ने कुरान और ईमान का संदेश देने के लिए यह आयोजन किया। 1948 में इसे अत्ता शुजा खां की मस्जिद में किया गया। 1950 से इज्तिमा ताजुल मस्जिद में होने लगा। यह एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। ताजुल मस्जिद में इज्तिमा 2001 तक होता रहा। 2002 से यह आयोजन भोपाल के ईंटखेड़ी इलाके में होता है। 

भारत-पाक सहित 3 देशों में इज्तिमा
आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया के तीन देशों में होता है। इनमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल है। कोरोना महामारी के चलते दो साल से यह कार्यक्रम नहीं हुआ। लेकिन इस साल फिर वृहद स्तर पर कार्यक्रम किया जा रहा है। 

ईंटखेड़ी में 300 एकड़ का पंडाल 
आलमी तब्लीगी इज्तिमा के लिए भोपाल के ईंटखेड़ी में 300 एकड़ का पंडाल लगाया गया है। कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। बिजली, पानी और साफ सफाई सहित अन्य सुविधाएं शासन स्तर से की जाएगी। समिति ने भी अपने स्तर पर व्यापक इंतजाम किए हैं। 25 हजार से ज्यादा वालेंटियर नियुक्त किए गए हैं, जो 24  घंटे सेवाएं देंगे।  

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इज्तिमा में यह सुविधाएं 
इज्तिमा जलापूर्ति के लिए 20 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई जा रही है। वुजू (नमाज से पहले शरीर धोने की विधि) के लिए 35,000 से अधिक नल लगाए जाएंगे। 8000 शौचालय बनाए जाएंगे। नहाने के लिए गर्म पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इज्तिमा में आने वाले हर शख्स को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। 

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