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भोपाल बाइसिकल राइडर्स ग्रुप साइकिलिंग से जुड़ने वाले नए सदस्यों को नो हेलमेट नो राइड का पालन करने की सलाह देते ही हैं।

आशीष नामदेव, भोपाल। भोपाल बाइसिकल राइडर ग्रुप द्वारा हफ्ते में तीन दिन साइकलिंग की जाती है, जिसमें शुक्रवार को भी करीब 20 लोगों ने साइकलिंग की। इस ग्रुप के मनीष भदौरिया बताते हैं कि इस ग्रुप को बनाने का मकसद यही था कि लोगों को साइकिल से फिटनेस के प्रति जागरूक करें। इस ग्रुप की शुरुआत 50 लोगों से हुई थी, फिर धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और आज 500 से भी ज्यादा मेंबर्स ग्रुप में हो गए हैं। 

उन्होंने बताया शहर को साइकिलिंग सिटी बनाना है, इसी सिद्धांत के साथ ग्रुप मेंबर्स साइकिलिंग कर रहे हैं। इस ग्रुप की ऑफिशियल राइड बुधवार, शुक्रवार और रविवार को होती है। वर्किंग डे पर 30 से 40 किमी की राइड करते हैं। वहीं, रविवार को लंबी एक्सपीडिशन 200 किमी तक भी पहुंच जाती है।

साइकलिंग करते हुए बने कई दोस्त
इस साइकलिंग ग्रुप ने सभी को सेहत का महत्व तो सिखाया ही, साथ ही एक नई दोस्ती की दुनिया से भी परिचित करवाया। एक-दूसरे का साथ होने से साइकिल चलाना और भी आनंददायक हो गया। ग्रुप के मेंबर रास्ते में रुककर चाय पीते, ठंडी हवा का आनंद लेते, और रास्ते के सुंदर नजारों को कैमरे में कैद करते।

सुरक्षा का रखते हैं ध्यान
भोपाल बाइसिकल राइडर्स ग्रुप साइकिलिंग से जुड़ने वाले नए सदस्यों को नो हेलमेट नो राइड का पालन करने की सलाह देते ही हैं। इनके द्वारा साइकलिंग करने के लिए हेलमेट, ग्लब्स, चश्मा आदि का भी इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, ताकि वो साइकलिंग के दौरान हादसों से बच सकें।

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