Bhopal AIIMS : एम्स भोपाल में कैंसर को मात दे चुके बच्चों की कार्यशाला आयोजित हुई। कैनकिड्स और नेशनल सोसाइटी फॉर चेंज फॉर चाइल्डहुड कैंसर इन इंडिया ने मिलकर मंगलवार को इसका आयोजन किया। कार्यशाला में कैंसर की जंग जीत चुके बच्चे और उनके परिवार को नियमित फॉलो-अप के महत्व के बारे में बताया गया। कार्यशाला में करीब 30 परिवार शामिल हुए।
फॉलो-अप जरूरी: डॉ अजय सिंह
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कैंसर से लड़ाई जीत चुके बच्चों के सशक्तिकरण की बात की। डॉ. सिंह ने कहा, "बच्चों को सशक्त बनाकर, हम एक पीढ़ी को सशक्त बना सकते हैं, जिससे समाज मजबूत होगा।" उन्होंने जीवित बचे लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर बल दिया।
डॉ. सिंह ने आगे कहा- लंबे और जटिल उपचार के बाद सिर्फ कैंसर से मुक्त होना ही काफी नहीं है।" "मरीजों और देखभाल करने वालों को समय रहते किसी भी दुष्प्रभाव के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है, इससे पहले कि उपचार के बाद की ये समस्याएं जीवन के लिए खतरा बन जाएं, डॉक्टरों के साथ नियमित फॉलो-अप करना आवश्यक है।
कार्यशाला में कैंसर की जंग जीत चुके बच्चे और उनके परिवार को नियमित फॉलो-अप के महत्व के बारे में प्रेरित किया गया। इस मौके पर डॉ योगेन्द्र यादव, डॉ नरेन्द्र चौधरी, डॉ अंबर कुमार, डॉ राजकुमार और डॉ वैष्णवी अग्रवाल मौजूद रहे।
डॉ अंशुल राय ने बनाई नई 3डी प्रिंटिंग
वहीं, दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ अंशुल राय ने बड़ा कारनामा कर दिखाया। उन्होंने शोध कर डेंटल इम्प्लांट के लिए नई 3डी प्रिंटिंग बनाई है। इस तकनीक को भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट प्रदान किया गया है। इस इनोवेटिव तकनीक के लिए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह ने डॉक्टर अंशुल राय को उनके सफलता के लिए बधाई दी।