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MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में स्थित जनता क्वार्टर के 600 जर्जर मकानों में रहने को लोग मजबूर हैं।

MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में स्थित जनता क्वार्टर के 600 जर्जर मकानों को गिराने का नोटिस दिया गया था। इसके बाद नगर निगम का अमला, पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मचारियों के साथ मकानों को गिराने पहुंचा था। लेकिन जनता के विरोध के बाद तीन दिन में मकान खाली करने की चेतावनी देकर वापस चला गया। इन मकानों को हाउसिंग बोर्ड ने 40 वर्ष पहले बनाया था। लेकिन अब यह पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। एक दर्जन से अधिक मकानों में छत का छज्जा गिरने और दीवार क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 

नगर निगम कई सालों से बारिश के पहले घर खाली करने का नोटिस भेजता आ रहा है। लेकिन अब तक यहां के 600 जर्जर मकानों में 3000 से अधिक लोग निवास कर रहे हैं। वे लोग अपने और परिवार के लोगों की जान खतरे में डालकर मजबूरी में यहां रह रहे हैं। इनमें से 70 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। यदि यह लोग यह मकान छोड़ देते हैं तो इनके पास और कोई ठिकाना नहीं रह जाएगा। रहवासियों की मांग है कि उन्हें यहीं पर घर बना कर दिया जाए। इनके अनुसार इन मकानों को खरीदने के बाद से मरम्मत करने कोई नहीं आया। अधिकारी देखने आते हैं, लेकिन पैसे जमा करने का कहकर चले जाते हैं। अब मकानों की हालत यह है कि कब गिर जाएं, कोई भरोसा नहीं। अधिकारी मकान खाली करने का कहते हैं, लेकिन कहां जाएंगे, इस संबंध में कुछ नहीं बताते।

हाउसिंग बोर्ड करोंद के 200 क्वार्टर जर्जर हालत में
सागर के शाहपुर में दीवार गिरने से 9 मासूमों की मौत के बाद शहर में जर्जर इमारतों को खाली कराने की बात फिर चल पड़ी है। ऐशबाग के जनता नगर क्वार्टर सहित हाउसिंग बोर्ड करोंद के दो सौ मकानों को खाली कराने का प्रयास फिर किया जाने लगा है। हालांकि इन्हें कहां शिफ्ट किया जाएगा, इसका प्लान अब तक नहीं बनाया गया है। ऐसे में इन जर्जर क्वार्टर्स में रहने वाले ढाई सौ से अधिक परिवारों के सामने बारिश में रहने की समस्या खड़ी हो गई है। इधर, इस बार जिला प्रशासन किसी तरह का रिस्क लेना नहीं चाहता है। बैरागढ़ एसडीएम आदित्य जैन का कहना है कि जर्जर इमारतों में रहने वाले लोगों को फिलहाल शिफ्ट किया जा रहा है।

ग्राउंड फ्लोर पर नहीं होती मरम्मत
हाउसिंग बोर्ड करोद की मल्टी में रहने वाली तस्लीमा बी ने बताया कि इस मल्टी में रहने वाले लोग अंदर से तो मरम्मत करा लेते हैं. लेकिन बाहर से मरम्मत नहीं कराते है। कुछ लोग बाहर से भी रिपेयरिंग कराते है, लेकिन निचले हिस्से की मरस्मत नहीं होने से बिल्डिंग के गिरने का खतरा बना रहता है।

बाहरी दीवारों के आसपास दलदल
क्वार्टर में रहने वाली सुलताना बी का कहना है कि मल्टी की बाहरी और अंदरूनी दीवारों के आसपास कीचड़ और दलदल हो गया है। जिससे सीलन के साथ पिलर और दीवार कमजोर हो गए हैं। इन क्वाटर्स को दोबारा से बनाने की जरूरत है। 

नीचे ही कचरा फेंक रहे रहवासी
कालोनी में रहने वाली अनीता ने बताया कि रहवासी कचरा गाड़ी में कचरा नहीं डालते हैं। यह लोग नीचे कचरा फेंक देते हैं। जिससे बदबू के मारे रहना मुश्किल होता है। दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखना पड़ता है।

हमारा प्रयास है कि कोई बेघर न हो
इस मामले को लेकर हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त नीरज मंडलोई ने बताया कि जांच की जा रही है। कि कितने लोगों के पास वैध रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेज हैं। इसके बाद नगर निगम के साथ मिलकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हमारा प्रयास है कि कार्रवाई की वजह से किसी को बेघर नहीं होना पड़े।

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