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Bhopal Ganesh Visarjan: भोपाल में बड़े पैमाने पर गणपति प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था की गई है। 6 घाटों पर बड़ी और छोटी मूर्तियां विसर्जित की जाएंगी।

Bhopal Ganesh Visarjan: राजधानी भोपाल सहित मध्यप्रदेश में गणेश विसर्जन का सिलसिला शुरू हो गया है। भोपाल में प्रशासन ने 6 घाटों पर विसर्जन की व्यवस्था की है। बड़ी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन क्रेनों के माध्यम से किया जाएगा। वहीं, छोटी मूर्तियों को कुंड में विसर्जन किया जाएगा। सुरक्षा के मद्देनजर घाटों पर पुलिसकर्मी और गोताखोरों को तैनात किया गया है। 

गणेश विसर्जन की ऐसी व्यवस्था 
प्रेमपुरा और रानी कमलापति घाट पर हाइडर मशीनें लगाई गई हैं। पूर्व में खटलापुर समेत अन्य घाटों में हादसे हो चुके हैं, इसलिए पानी में उतरकर मूर्ति विसर्जन करने पर प्रतिबंध है। रानी कमलापति घाट पर 4 क्रेन और एक हाइडर लगाया गया है। खटलापुरा, प्रेमपुरा, संत हिरदाराम नगर, हथाईखेड़ा डैम और शाहपुरा में बड़ी क्रेनें तैनात की गई हैं। 

हिंदू उत्सव समिति के प्रवक्ता संतोष साहू ने बताया कि शाम को सेंट्रल लाइब्रेरी के पास से सामूहिक विसर्जन जुलूस शुरू होगा, जो इतवारा, मंगलवारा, हनुमानगंज, जनकपुरी, सिंधी मार्केट, सोमवारा होते हुए कमलापति घाट पहुंचेगा। जुलूस में करीब 200 झांकियां शामिल होंगी।

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वार्ड-जोन स्तर पर भी विसर्जित होंगी गणेश प्रतिमाएं 
विसर्जन घाटों पर कम भीड़ हो, लिहाजा नगर निगम प्रशासन ने बड़े घाट के मार्ग पर वार्ड और जोन स्तर पर जगह-जगह विसर्जन कुंड बनाए हैं। इसके लिए अलग-अलग इलाकों के प्रमुख तिराहे और चौराहों समेत मुख्य रूट पर 100 से ज्यादा विसर्जन कुंड बनाए गए हैं। हालांकि यहां छोटी प्रतिमाएं ही विसर्जित की जा सकती है। 

पूजन सामग्री से बनेगी खाद
लोग पूजा के दौरान निकलने वाली निर्माल्य सामग्री (फल, फूल, नारियल) को पानी में प्रवाहित नहीं करेंगे। विसर्जन घाटों पर ही अलग से व्यवस्था रहेगी। निगमकर्मी इन्हें घाटों पर ही इकट्‌ठा करेंगे। करीब 60 टन निर्माल्य निकलने का अनुमान है। फूल-मालाओं से जैविक खाद बनाई जाएगी। 

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