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गौहर महल में मप्र खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा राष्ट्रीय खादी फाग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को इंदौर से आए कारीगर किशोरीलाल ने लूम मशीन पर हथकरघा कला का डेमो देकर शहरवासियों को खादी बनाने का प्रशिक्षण दिया।

भोपाल। गौहर महल में मप्र खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा राष्ट्रीय खादी फाग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को इंदौर से आए कारीगर किशोरीलाल ने लूम मशीन पर हथकरघा कला का डेमो देकर शहरवासियों को खादी बनाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने लूम मशीन का संचालन सिखाया साथ ही कॉटन, पॉली, सिल्क और मिक्स फैब्रिक को लूम के माध्यम से बनाने की विधि सिखाई। इसके साथ ही आधुनिक चरखे से धागा कातना भी बताया, जिसके बारे में जानकर लोग उत्साहित हुए। 24 मार्च तक चलने वाली इस महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से आए करीब 50 कारीगरों के स्टॉल लगे हुए है। जिनमें खादी और सिल्क से तैयार डिजाइनर कलेक्शन को प्रदर्शित किया गया है। 

पॉली- कॉटन बनाया जाता है
बुनकर किशोरीलाल ने विभिन्न फेब्रिक को मिक्स कर कपड़े बनाने की विधि सिखाई। उन्होंने बताया कि कॉटन और पॉली कॉटन को मिक्स कर पॉली- कॉटन बनाया जाता है। इसके लिए 67 प्रतिशत कॉटन और 33 प्रतिशत पॉली का उपयोग होता है। इसके साथ ही कॉटन और बाबदा को मिक्स कर दिखाया कि किस तरह से इसी प्रकार कई मिक्स फेब्रिक के कपड़े तैयार किए जा सकते हैं। 

लेटेस्ट डिज़ाइनर कलेशन 
ग्वालियर के उमंग खंडेलवाल सिल्क, खादी और कॉटन की शर्ट और कुर्ते की विशाल रेंज लेकर मेले में आए हैं। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाला सिल्क और खादी से तैयार किए गए हैं। इनमें प्लेन और प्रिटेंड दोनों ही तरह के परिधान उपलब्ध हैं। उमंग बताते हैं कि मटका सिल्क, टसर सिल्क की क्वालिटी बेस्ट मानी जाती है, इसीलिए इनकी डिमांड इन दिनों मार्केट में सबसे अधिक है। वहीं लखनऊ के जगत नारायण ने बताया कि वे मेले में आर्टिसन ग्लोरी के प्रोडक्ट, खादी, कॉटन सहित डिफरेंट फेब्रिक के  डिजाइनर वीमन्स वियर लेकर आए हैं।

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