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सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में भोपाल 25वीं रैंकिंग पर है। राजस्व, मत्स्य, पशुपालन, सहकारिता, सामाजिक न्याय सहित अन्य डेढ़ दर्जन विभाग डी रैंकिंग में शामिल हैं।

भोपाल (वहीद खान। सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई और अन्य शिकायतों को लेकर पहली बार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समीक्षा करने जा रहे हैं, जिसको देखते हुए प्रदेश भर के जिलों में शिकायतों की पेंडेंसी खत्म करने की हौड़ मची है। राजधानी में भी पिछले तीन दिनों में ढाई हजार शिकायतों का निराकरण किया गया है। जिससे भोपाल जिले की रैंकिंग में एक अंक का सुधार आया है। अफसरों को देर रात तक दफ्तरों में बैठकर शिकायतें निपटाने की हिदायत दी गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह रोजाना रात में अफसरों के साथ गूगल मीट कर रहे हैं। 

सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में भोपाल 25वीं रैंकिंग पर है। राजस्व, मत्स्य, पशुपालन, सहकारिता, सामाजिक न्याय सहित अन्य डेढ़ दर्जन विभाग डी रैंकिंग में शामिल हैं। कलेक्टर की फटकार और नाराजगी के बाद करीब ढाई हजार शिकायतें तीन दिन में निपटा दी गई। अगले 3 दिन में आधी शिकायतों के निराकरण का टारगेट रखा गया है। जिससे, सीएम के सामने पेंडिंग शिकायतों के प्रेजेंटेशन में भोपाल की स्थिति बेहतर रहे।

100 दिन पुरानी शिकायतों पर ज्यादा जोर
भोपाल में 100 दिन पुरानी शिकायतों को निपटाने पर ज्यादा जोर है। कलेक्टर ने भी स्पष्ट कहा है कि ऐसी शिकायतों को अनावश्यक रूप से पेंडिंग न रखें। 50 दिन पुरानी शिकायतें भी निपटाई जा रही हैं।

ये शिकायतें सबसे ज्यादा
नगर निगम की ज्यादातर शिकायतें स्ट्रीट डॉग, अतिक्रमण, सीवेज, आवारा पशु, स्ट्रीट लाइट, बिल्डिंग परमिशन, सफाई से जुड़ी हैं। राजस्व विभाग की नामांकन, सीमांकन, बंटाकन समेत जमीन से जुड़े मसलों को लेकर शिकायतें हैं। खाद्य विभाग में राशन पर्ची नहीं मिलने की भी ढेरों शिकायतें पेंडिंग चल रही हैं।
 

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