Bhopal Garments Complex: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदेश का पहला गारमेंट्स कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी है। इसमें 250 से अधिक छोटी-बड़ी यूनिट्स स्थापित होंगी। जहां 35,000 से अधिक महिलाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। भोपाल, इंदौर, कोलकाता और कोयंबटूर के कुछ उद्याेगपतियों ने यहां फैक्ट्री लगाने की इच्छा जताई है।
औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
भोपाल के कोलार स्थित सतगढ़ी में प्रस्तावित रेडीमेड गारमेंट्स कॉम्प्लेक्स को इंदौर के परदेशीपुरा मॉडल पर तैयार किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्राेजेक्ट माना जा रहा है। इससे महिलाओं को रोजगार तो मिलेगा ही भोपाल के औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। रेडीमेड व्यापारी अभी गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र से कपड़े मंगाते हैं। जहां से ट्रांसपोर्टेशन चार्ज काफी लग जाता है।
महिला उद्यमियों का प्राथमिकता
मध्य प्रदेश सरकार ने गारमेंट्स कॉम्प्लेक्स के लिए सतगढ़ी की 76 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को आवंटित की है। कृषि उपयोग की इस भूमि के डायवर्सन (लैंड यूज बदलवाने) के लिए आवेदन भी कर दिया गया है। MPIDC के मुताबिक, गारमेंट कॉम्प्लेक्स में महिला उद्यमियों का प्राथमिकता दी जाएगी। वर्कर्स भी महिलाएं होंगी। पुरुष सुपरविजन, प्रबंधन और मार्केटिंग का काम करेंगे।
स्वरोजगार के भी मौके
रेडीमेड कॉम्पलेक्स में महिलाओं को रोजगार मिलेगा ही। अपनी क्षमता और कौशल के हिसाब से वह अपना स्वरोजगार भी शुरू कर सकेंगी। इंडस्ट्रीज का बहुत सारा काम आउटसोर्स किया जाता है। महिलाएं यह काम कम पूंजी और एक-दो मशीनों के साथ शुरू कर सकेंगी।
अचारपुरा और मंडीदीप में उत्पादन
कोलार में औद्योगिक इकाइयां शुरू होने से रियल एस्टेट के व्यवसाय को गति मिलेगी। आसपास के इलाकों में अन्य व्यावसायिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी, जिससे बहुत सारे लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर आर्थिक लाभ होगा। भोपाल में अभी अचारपुरा और मंडीदीप में कुछ गारमेंट इकाइयां स्थापित हैं।
बाहरी निवेशकों ने जताई सहमति
विभिन्न जिलों में हुई इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में आए निवेशकों ने भी सतगढ़ी में गारमेंट्स यूनिट लगाने की इच्छा जताई है। कोलकाता और कोयंबटूर के कारोबारियों ने यहां फैक्ट्री लगाने पर सहमति दी है। इंदौर, भोपाल और जबलपुर के कुछ रेडीमेड व्यापारी भी इसके लिए तैयार हैं।