भोपाल। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के न्यौते को कांग्रेस के अस्वीकार करने पर सियासी निशाना साधा है। वीडी ने कहा कि कांग्रेस के नेता सनातन विरोध, राम विरोधी और तुष्टिकरण की गारंटी हैं। वीडी ने यह भी कहा कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे ने न्यौता अस्वीकार किया है, जबकि पूरा देश इस न्यौते को सौभाग्य मानता है। कांग्रेस नेताओं ने खुद को रामविरोधी होना साबित कर दिया है।
"तुष्टीकरण की गारंटी है कांग्रेस" pic.twitter.com/Bv7pPN4YuB
— Ashish Agarwal आशीष अग्रवाल (@Ashish_HG) January 11, 2024
'आखिर क्यों मध्यप्रदेश को बदनाम करने में जुटे हो'
वीडी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और उमंग सिंघार पर भी जमकर निशाना साधा। वीडी ने कहा कि लगा था कि कांग्रेस में नए लोग आए हैं, ये सकारात्मक राजनीति और प्रदेश के विकास की बात करेंगे, लेकिन यह भी मिस्टर बंटाधार दिग्विजय सिंह और मिस्टर 'करप्शननाथ' कमलनाथ की तरह प्रदेश को बदनाम करने में लगे हुए हैं। नेता-प्रतिपक्ष उमंग सिंघार प्रदेश को बदनाम करने को लेकर जो बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि आप दिग्विजय सिंह के पूर्ण अनुयायी हैं। आखिर क्यों मध्यप्रदेश को बदनाम करने में जुटे हो।
'विधानसभा में करारी हार मिली, लोकसभा में पराजय मिलेगी'
प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत में वीडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुड गवर्नेंस को मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन, कांग्रेस के नेताओं को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा। कांग्रेस नेता जब-तब भ्रामक बातों से मध्यप्रदेश को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। कभी लाड़ली बहना योजना को लेकर गलत तथ्य देते हैं, तो कभी नगरीय प्रशासन की वेबसाइट को हैक करने को लेकर भ्रम फैलाते हैं। जनता इनका झूठ जान गई है। इसलिए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली और अब लोकसभा में भी कांग्रेस को पराजय का सामना करना होगा।
पूरा कार्यक्रम भाजपा-संघ और मोदी को समर्पित क्यों किया: केके मिश्रा
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने गुरुवार को वीडी के कांग्रेस पार्टी पर सनातन, राम विरोधी और तुष्टीकरण की गारंटी जैसे गंभीर आरोप लगाने पर पलटवार करके कहा कि यदि सच्चे सनातनी हैं तो दस सवालों के जवाब दें। केके ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पौष मास में क्यों। अधूरे निर्माण में रामलला की प्रतिष्ठा क्यों, शंकराचार्य के होते पीएम के हाथों प्रतिष्ठा क्यों, प्राण प्रतिष्ठा रामनवमीं को क्यों नहीं, क्याय राम मंदिर न्यास के ट्रस्टी में एक संघी और दूसरा नौकरशाह है, प्राचीन रामलला मूर्ति की चर्चा क्यों नहीं, पूरा कार्यक्रम भाजपा-संघ व मोदी को समर्पित क्यों किया है।