MP Heritage Train: मध्यप्रदेश की इकलौती हेरिटेज ट्रेन से वादियों का दीदार करने का वक्त आ गया है। पातालपानी-कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन 20 जुलाई से चलेगी। जंगल, झरने और खूबसूरत वादियों की सैर कराने वाली ट्रेन की बुकिंग शुक्रवार यानी आज से शुरू होगी। हेरिटेज ट्रेन सप्ताह में दो दिन यानी शनिवार और रविवार को ही चलेगी। सांसद शंकर लालवानी के हरी झंडी दिखाने के बाद ट्रेन शनिवार सुबह 11.05 बजे पातालपानी से कालाकुंड के लिए रवाना होगी।
10 किमी ट्रैक पर चलेगी ट्रेन
संचालन से पहले हेरिटेज ट्रेन पावर कार मेंटेनेंस के बाद महू स्टेशन आ चुकी है। पातालपानी, टंट्या भील, व्यू पाइंट, कालाकुंड स्टेशन को और बेहतर कर दिया है। ट्रेन पातालपानी से कालाकुंड के बीच 10 किमी ट्रैक पर चलेगी। ट्रैक पर सफर के दौरान यात्री पातालपानी स्टेशन, पातालपानी वाटर फॉल, वैली ब्रिज, कालाकुंड और टनल के रोमांच का लुत्फ उठाएंगे।
जानें कितना लगेगा किराया
जानकारी के मुताबिक, पातालपानी-कालाकुंड के बीच हेरिटेज ट्रेन दो विस्टाडोम C-1 और C-2 (AC चेयर-कार) कोच और तीन नॉन AC D-1, D-2 और D-3 कोच के साथ चलेगी। हेरिटेज ट्रेन में आने-जाने का अलग-अलग टिकट लेना होगा। विस्टाडोम के एक कोच में 60 सीट है। इसमें AC चेयर-कार का 265 रुपए, जबकि नॉन AC चेयर-कार का किराया 20 रुपए प्रति टिकट रह सकता है। नॉन AC चेयर-कार के तीन कोच हैं। ट्रेन संख्या 52965/52966 पातालपानी- कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन में टिकट की बुकिंग सभी पीआरएस काउंटरों, आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ऑनलाइन या रिजर्वेशन सेंटर से की जा सकती है।
जानें कितने बजे, कहां पहुंचेगी ट्रेन
हेरिटेज ट्रेन पातालपानी से कालाकुंड 2 घंटे में पहुंचती है। वापसी में कालाकुंड से पातालपानी तक आने में ट्रेन को एक घंटा लगता है। कालाकुंड पहुंचने के बाद ट्रेन वहां लोगों को घुमने के दौरान दो घंटा खड़ी रहेगी। यात्री कालाकुंड के झरने और पहाड़ों की सैर कर सकेंगे। ट्रेन संख्या 52965 पातालपानी कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन 11.05 बजे पातालपानी से चल कर 13.05 बजे कालाकुंड पहुंचेगी। वापसी ट्रेन संख्या 52966 कालाकुंड पातालपानी हेरिटेज ट्रेन कालाकुंड से 15.34 बजे चल कर 16.30 बजे पातालपानी पहुंचेगी।
2018 में हुई थी इस ट्रेन सेवा की शुरुआत
पातालपानी से कालाकुंड की वादियों के ट्रैक को 2018 में हेरिटेज ट्रैक घोषित किया गया था। इस ट्रैक पर चलने वाली यह हेरिटेज ट्रेन शुरुआत से ही यात्रियों के बीच लोकप्रिय रही है। हर साल मानसून के दौरान इसका संचालन किया जाता है। इस रेलवे लाइन की स्थापना 1877 में की गई थी और कुछ साल पहले इसे बंद करने की योजना थी, लेकिन पर्यटन स्थल के महत्व को देखते हुए इसे चालू रखा गया।