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Bhopal BRTS Project: राजधानी में पिछले 13 साल विवादों में रहे बीआरटीएस कॉरिडोर को आखिरकार साफ कर दिया गया। इसके बावजूद शहर के बैरागढ़ और मिसरोद रोड पर डिवाइडर व स्ट्रीट लाइट का काम धीमी गति से होने पर लोगों की परेशानी अभी पूरी तरह से कम नहीं हुई है।

Bhopal BRTS Project: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 13 साल विवादों में रहे बीआरटीएस कॉरिडोर को प्रशास ने साफ करा दिया। लेकिन वाहन चालकों की परेशानी कम नहीं हुई। उन्हें अब भी ट्रैफिक जाम सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर, बैरागढ़ और मिसरोद रोड पर डिवाइडर व स्ट्रीट लाइट के अधूरे काम के चलते वाहन स्पीड नहीं पकड़ पाते। हादसे का जोखिम भी बना रहता है। 

आधी-अधूरी जालियों को छोड़ दिया गया है
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि सबसे पहले हलालपुर से सीहोर नाके तक 3.81 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को हटाने का काम शुरू हुआ, लेकिन रोड व्यवस्थित करने में यहां का काम पिछड़ा हुआ है। एक किलोमीटर हिस्से में अभी भी यहां आधी अधूरी जालियों को छोड़ दिया गया है। वहीं होशंगाबाद रोड पर 6.7 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को हटा तो दिया गया, लेकिन डिवाइडर और स्ट्रीट लाइट का काम भी यहां अटका हुआ है।

20 किलोमीटर का कॉरिडोर हटाने का काम
भोपाल में 24 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का काम दो विभागों ने शुरू किया था। इसमें से हलालपुर से सीहोर नाके तक 3.81 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर को पीडब्ल्यूडी ने हटाया, क्योंकि उसे ही यहां पर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाना है। इस कारण पीडब्ल्यूडी ने डिवाइडर के रूप में कॉरिडोर से निकली जालियों को ही उपयोग में लिया, लेकिन स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई। करीब 20 किलोमीटर का कॉरिडोर हटाने का काम नगर निगम ने तीन हिस्से में शुरू किया।

स्ट्रीट लाइट का काम शुरू ही नहीं हुआ
इसमें से रोशनपुरा से कमला पार्क तक का 1.42 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर का काम पूरी तरह से व्यवस्थित कर पूरा कर लिया गया। यहां डिवाइडर व स्ट्रीट लाइट सहित सभी काम पूरे हो गए। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार होशंगाबाद रोड पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर को लेकर एमआईसी से मंजूरी लेना जरूरी था, जिससे सबसे बाद में शुरू हो पाया। इसकी लंबाई 6.7 किलोमीटर है, जिस पर डिवाइडर सिर्फ 4 किलोमीटर लग पाया। वहीं स्ट्रीट लाइट का काम शुरू ही नहीं हुआ है।

मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक
मिसरोद से आरआरएल तिराहे तक होशंगाबाद पर बने बीआरटीएस कॉरिडोर पर्याप्त राइट ऑफ वे एवं जमीन उपलब्ध होने के बाद भी वाहनों के
लिए सिर्फ 2 लेब ही थे। बीआरटीएस हटाकर 3-3 लेन का सिक्स लेन मार्ग का निर्माण किया गया है। इसमें 1157 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था।

रोशनपुरा से कमला पार्क तक
रोशनपुरा से कमला पार्क तक शहर के व्यस्त क्षेत्र में स्थित होकर nomy ट्रैफिक के लिए बाधित बन गया था। इस लंबाई में डेडिकेटेड कॉरिडोर हटाया गया तब जाकर मिक्स्ड वाहनों के लिए 3 लेन सड़क मय सेंट्रल वर्ज के बनाया गया है।

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