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Cheetah death in Kuno: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर है। मादा चीता गामिनी के शावक की मौत हो गई। 10 मार्च जन्मे शावक की मौत की प्राथमिक वजह गर्मी को बताया जा रहा है। कूनो में अब 13 शावक और 13 वयस्क चीते हैं।

Cheetah death in Kuno: मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बुरी खबर है। 10 मार्च को जन्मे चीता शावक की मौत हो गई है। शावक की मौत ने कूनो प्रबंधन की हाईटेक निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं? मौत की प्राथमिक वजह गर्मी बताई जा रही है। लेकिन प्रबंधन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है और न ही मौत का कारण बता पाया है। बता दें कि 10 मार्च को मादा चीता गामिनी ने जिस शावक को जन्म दिया था, मंगलवार को उसकी मौत हो गई। डीएफओ आर थिरुकुराल का कहना है कि बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद मौत की असली वजह पता चलेगी। कूनो नेशनल पार्क में अब तक सात चीतों और चार शावकों की मौत हो चुकी है।  

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गामिनी ने छह शावकों को दिया था जन्म 
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से लाई 5 वर्षीय मादा चीता गामिनी ने 10 मार्च को 6 शावकों को जन्म दिया था। यह दुर्लभ स्थिति थी क्योंकि, अमूमन एक मादा चीता 3 से 5 शावकों को जन्म देती है, लेकिन गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया था। अब एक की मौत के बाद गामिनी के 5 शावक बचे हैं, जो स्वस्थ बताए जा रहे हैं। अब बचे शावकों में से 4 शावक ज्वाला के, 4 आशा के और 5 शावक गामिनी के हैं।

हाईटेक व्यवस्था के बाद भी लगातार मौतें 
चीतों की सुरक्षा के लिए करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अलग से अधिकारियों की तैनाती कर रखी है। कई स्तर पर निगरानी की व्यवस्था है। आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। शतत स्वास्थ्य जांच के लिए पशु चिकित्सकों का दल लगा हुआ है। इसक ेबाद भी मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। कूनो में 20 चीते लाए गए थे। पिछले साल 7 की मौत हो गई। 13 वयस्क चीते बचे हैं। पिछले साल मई में ज्वाला के 4 शावकों में से 3 की मौत हो गई थी। दिसंबर 2023 में कूनो के अंदर अचानक एक अन्य शावक के पैर की हड्डी टूटने का प्रकरण आया था।

जानें...कूनो में कब, किस चीते की मौत हुई 

  • 16 जनवरी 2024 को नामीबियाई चीता शौर्य की मौत हुई थी।  
  • 26 मार्च 2023 को साशा की मौत हुई। साशा को नामीबिया से लाया था। किडनी इंफेक्शन के कारण मौत हुई। 
  • 23 अप्रैल 2023 को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की दिल के दौरे से मौत हुई। 
  • 9 मई 2023 को दक्षिण अफ्रीका से आई दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत हुई।  
  • 23 मई 2023 को मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। गर्मी, डिहाइड्रेशन को कारण बताया। 
  • 25 मई 2023 को ज्वाला के दो और शावकों की मौत हुई। ज्यादा तापमान और लू को मौत का कारण बताया।  
  • 11 जुलाई 2023 को चीता तेजस की मौत हुई। चीतों के आपसी संघर्ष को मौत का कारण बताया।
  • 14 जुलाई 2023 को चीता सूरज की मौत हुई। चीतों के आपसी संघर्ष में ही सूरज की जान गई है। 
  • 2 अगस्त 2023 को मादा चीता धात्री की मौत हुई। पोस्टमॉर्टम में इंफेक्शन से मौत की वजह सामने आई थी। 

कूनो का जंगल चीतों के लिए छोटा 
कूनो नेशनल पार्क का जंगल ज्यादा चीतों को रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि, हाल में केन्या के चीता विशेषज्ञों ने कूनो के चीता प्रोजेक्ट की सफलता और व्यवस्थाएं देखने के बाद गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की संभावनाएं तलाश की हैं। कूनो में जगह की कमी होने की बात बार-बार कही जाती रही है। कई एक्सपर्ट और वन विभाग अधिकारी खुद कह चुके हैं कि कूनो का जंगल ज्यादा चीतों को रखने के लिए पर्याप्त नहीं है। शासन को पत्र भी लिख चुके हैं।

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