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मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव को पार्टी द्वारा एक और जिम्मेदारी दी गई जा रही है। सीएम मोहन यादव 18 जनवरी को बिहार जा रहे हैं। बिहार के यादव वोट बैंक में सेंध करने के लिए मोहन को यह जिम्मेदारी दी जा रही है।

CM Mohan Yadav: मोहन यादव 18 जनवरी को बिहार दौरे पर रहेंगे। पार्टी ने सीएम मोहन यादव को यादव वोट बैंक के साथ ही ओबीसी वोटरों को साधने की तैयारी की जा रही है। बिहार में यादव जाति का एक बड़ा वोट बैंक है। जो आरजेडी और जेडीयू दल को हमारा वोट करता आया है। इस बार मोहन के माध्यम से पार्टी बड़े वोट बैंक में सेंधमारी करने की तैयारी कर रही है।

बिहार में यादव जाति के मतदाताओं को बीजेपी में लाने की जिम्मेदारी पार्टी ने सीएम मोहन यादव को दी है। 18 जनवरी को बिहार में यादव जाति का एक बड़ा कार्यक्रम बीजेपी द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सीएम का विहार में काफी भव्य रूप से सम्मान किया जाएगा। कृष्ण भक्तों, गौपालकों के बीच सीएम मोहन यादव उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव वहां कृष्ण भक्तों के साथ मुलाकात के बाद सभा को भी संबोधित करेंगे।

जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में यादव समाज के बड़े नेता अखिलेश यादव हैं। उसी प्रकार विहार में आज भी यादव जाति के बड़े नेता लालू यादव हैं। यूपी और बिहार में समाजवादी और आरजेडी पार्टी को यादवों की पार्टी मानी जाती है। इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी और बिहार में यादव वोट बैंक को साधने के लिए सीएम मोहन को बिहार में सक्रिय किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यूपी और बिहार के यादव वोट बैंक को साधने के लिए ही मोहन यादव को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बनाया है।

ओबीसी वर्ग को साधने की तैयारी
भाजपा द्वारा लगातार ओबीसी वर्ग से सीएम बनाया जा रहा। मोहन यादव भी ओबीसी वर्ग से ही आते हैं। बीजेपी अपने आप को पिछड़ा वर्ग हितैषी पार्टी का संदेश देना चाह रही है। बीजेपी ने इसी वजह से बिहार और यूपी के लिए मोहन यादव को स्टार प्रचारक बनाने की तैयारी में है।

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