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मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव (सीएस) अनुराग जैन पहली बार प्रदेश के सभी कलेक्टरों और एसपी से मुखातिब हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने अफसरों के साथ मीटिंग की। उन्होंने सभी से स्पष्ट शब्दों में कहा कि समय सीमा वाले कार्यों में देरी होना उन्हें पसंद नहीं है।

हरि अग्रहरि. भोपाल। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने 10 दिनों तक मप्र की आबोहवा समझने के बाद सोमवार को प्रदेश भर के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की उच्च स्तरीय ज्वाइंट बैठक बुलाई। उन्होंने अधिकारियों से अपनी प्राथमिकताएं बताने के साथ ही साथ साफ कर दिया कि कानून-व्यवस्था से लेकर हर उस मुद्दे पर उनकी बारीकी नजर है, जिससे आम लोगों को दो-चार होना पड़ता है। उन्हें सख्त कानून- व्यवस्था चाहिए। कलेक्टर-एसपी ज्वाइंट रूप से जिले के भ्रमण पर निकले, वे कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। वैसे तो उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए 7 बिंदुओं का एजेंडा तय कर दिया था, किंतु उनका पूरा फोकस कानून-व्यवस्था व सुशासन पर ज्यादा था। 

मुख्य सचिव जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए कलेक्टर, कमिश्नर, एसपी, डीजीपी के साथ एसीएस गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सहकारिता, ऊर्जा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, लोक निर्माण, सामान्य प्रशासन, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लोक सेवा प्रबंधन, राजस्व, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तथा सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास को विशेष तौर पर बुलाया था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए उन्होंने सात बिंदुओं में कानून व्यवस्था की स्थिति, सुशासन, खाद एवं आदान की व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति का पर्यवेक्षण, उपार्जन, अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्था तथा विकास कार्यो एवं निवेश के मामलों को सुगम बनाना शामिल था। 

आरएसएस प्रमुख की हिदायत के बाद त्वरित एक्शन शुरू
अभी दो दिन पहले ही आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कानून-व्यवस्था खासकर देश के सामाजिक ताने-बाने को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने राज्य सरकारों से समाज में कटुता फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने की मंशा जाहिर की थी। अब मप्र में इस पर त्वरित कार्रवाई शुरू हो गई है।

मुख्य सचिव जैन ने सभी जिलों के कलेक्टर- एसपी व संभागायुक्त-आईजी वीडियो कांफ्रेंसिंग में साफ कर दिया कि हर हाल में कानून व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त होनी चाहिए। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ज्वाइंट मानिटिरंग में प्रदेश में चल रहे ड्रग्स के अवैध कारोबार पर सख्त अंकुश लगाने को कहा। डीजीपी सुधीर सक्सेना ने सभी एसपी-अाईजी से अपनी चिंता से अवगत कराते हुए कहा कि ड्रग्स के अवैध कारोबार को तत्काल कुचल दें। किसी भी जिम्म्ोदार को बख्सा नहीं जाना चाहिए। इसके लिए वे सभी जिम्मेदार होंगे। 

गंभीर अपराधों की सतत मानिटरिंग करें
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि यह उनकी पहली बैठक है, किंतु उन्होंने सभी 55 जिलों की स्थिति को समझ लिया है। उनका फोकस पुलिसिंग के साथ ही साथ सुशासन प्रमुख तौर पर है। इस पर असफल होने वाले पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ उनका एक्शन शुरू होगा। उन्होंने त्यौहारों को देखते हुए सभी तरह की तैयारी करने, विस्फोटक लायसेंस की जांच, पटाखों के विक्रय के लिए स्थल चिन्िहत करने तथा गंभीर अपराधो की मानिटिरंग सतत रूप से करने को कहा। उन्होंने कहा कि कलेक्टर-एसपी अपने अपने जिलों में संयुक्त भ्रमण करें।

वे यह देखे कि उनके जिलों में किस तरह की स्थितियां विद्यमान हैं। उन्होंने पिछले दिनों भोपाल में ड्रग्स की बड़ी फैक्ट्री का खुलासा होने पर कड़ी आपत्ति जताई। दरअसल, भोपाल की एक कथित रूप से बंद बड़ी फैक्ट्री में अवैध रूप से एमडी ड्रग्स बनाने का बड़ी मशीनरी बरादम हुई थी। इससे देश भर में भोपाल व मप्र की बदनामी हुई। इस पर डीजीपी से भी नाराजगी जािहर करते हुए कहा कि इससे पुिलस की बदनामी होती है। यह कतई नहीं होना चाहिए। 

मुख्य सचिव ने ज्वाइंट बैठक में इन मुद्दों पर किया फोकस
सुशासन के मुद्दे पर जनसुनवाई मामलों में संवेदनशीलता के साथ निराकरण करने, सीएम हेल्प लाइन, लोक सेवा गारंटी के अनुसार मामलों का निराकरण, राजस्व अभियान नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, भूअर्जन, क्षेत्र में निरीक्षण, भ्रमण, छात्रावास अस्पताल निर्माण कार्य आदि करने, यूरिया, डीएपी, खाद एवं बीज का वितरण समान रूप से कराने को कहा। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या हर हाल में त्वरित रूप से दूर कराएं।

जैन ने कहा कि खराब ट्रांसफारमर तत्काल दुरूस्त कराएं, किसानों को बिना किसी दिक्कत के बिजली सप्लाई कराएं। उन्होंने सोयाबीन उर्पाजन की तैयारी करने तथा धान उपार्जन के लिए सभी तरह का बंदाेबस्त कराने को कहा। मुख्य सचिव ने डेंगू एवं मौसमी बीमारियों को देखते हुए सभी तरह के कदम उठाने की भी हिदायत दी। उन्होंने यह भी कहा कि विकास कार्यो व निवेश के मामलों को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। फारेस्ट व अन्य क्लीयरेंस को तत्काल कराएं। पेंडिंग नहीं होनी चाहिए। 

प्रदेश भर में नशे के कारोबार पर भी जताई चिंता
मुख्य सचिव जैन व डीजीपी श्रीवास्तव ने प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से आ रही नशे के कारोबार की खबरों पर प्रभावी रूप से कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि कहीं से भी इस तरह की शिकायत नहीं आनी चाहिए। इस कारोबार में जो भी लोग संलिप्त हों, उनके खिलाफ सभी तरह से सख्त कदम उठाएं। इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

बताते हैं कि मप्र में हाल के दिनों में अवैध रुप से ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री समेत बड़ी बरामदगी हुई है। इसमें नेताओं के गठजोड़ का भी खुलासा हुआ है। रतलाम में तो एक पुलिस थाने के रोजनामचे में एक मंत्री तक का नाम लिखा गया है। एक दिन पहले झाबुआ में भी इसी तरह की फैक्ट्री पकड़ी गई। मप्र एक तरह से ड्रग्स का हब बन गया है। इसे लेकर भी चिंता जाहिर की गई है।

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