भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। मध्यप्रदेश में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को मर्ज करने की तैयारी है। मोहन यादव ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। साथ ही नई शिक्षा नीति के आधार पर हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अब नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा।
आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट बैठक के पश्चात मीडिया के साथियों से सरकार के निर्णय साझा किए।
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 23, 2024
प्रदेश सरकार ने अब लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग को मर्ज करने का फैसला लिया है। दोनों विभाग एक होने से कार्यक्षमता… pic.twitter.com/6QFQhr2O0p
दोनों विभाग के एक होने से कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी
नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जानकारी देने हुए बताया कि चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग दोनों का एकीकरण कर दिया है। इससे विभाग की कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। इसमें जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के बीच अब तक जो तालमेल की स्थिति नहीं रहती थी, वह अब हो सकेगी। मोहन सरकार ने इसके संकेत पहले ही दे दिए थे और इसीलिए उप मुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ल को दोनों ही विभागों का मंत्री बनाया गया है।
कैबिनेट बैठक में लिए गए अहम फैसले
1. जीएसटी अध्यादेश का विस्तार:
कैबिनेट ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अध्यादेश के विस्तार को मंजूरी दे दी है। यह विस्तार आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा, क्योंकि चुनाव और कैबिनेट गठन के कारण विधेयक को पेश करने में देरी हुई।
2. आयुर्वेद विश्वविद्यालय में नर्सिंग और पैरा मेडिकल पाठ्यक्रमों का समावेश:
कैबिनेट ने आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में नर्सिंग और पैरा मेडिकल कोर्स को शामिल करने को हरी झंडी दे दी है। इसका उद्देश्य पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या में वृद्धि करना है। COVID-19 महामारी के बाद पैरामेडिकल की कमी महसूस हुई थी, इसे देखते हुए यह अहम फैसला लिया गया है।
3. मल्हारगढ़, अशोकनगर में लिफ्ट सिंचाई परियोजना:
अशोकनगर की मुंगावली तहसील के मल्हारगढ़ में लिफ्ट सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई है। 87 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से 26 गांवों की 7500 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई हो सकेगी।
4.रतलाम में मझुड़िया समूह के लिए नल जल योजना
रतलाम जिले में माही जल प्रदाय समूह योजना में मझुड़िया समूह के लिए पेयजल हेतु नल जल योजना स्वीकृत की गई है। 204 करोड़ रुपये की लागत वाली इस पहल का उद्देश्य आदिवासी परिवारों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराना है।
5. जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन:
कैबिनेट ने जल प्रदूषण के छोटे मामलों से निपटने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव को आगे विचार के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा।
6. प्रधानमंत्री एक्सलेंस कॉलेज खुलेंगे:
प्रधानमंत्री एक्सलेंस कॉलेज खोलने को मंजूरी दे दी गई है। नई शिक्षा नीति की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक जिले में मौजूदा कॉलेजों को अपग्रेड किया जाएगा और राज्य सरकार इसका खर्च वहन करेगी।
7. अनुदानित गैर-सरकारी शिक्षकों के लिए छठा वेतनमान: जनजातीय कार्य विभाग के अनुदानित गैर-सरकारी शिक्षकों को छठे वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।