MP School Action : जबलपुर में प्राइवेट स्कूलों के मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने के मामले में कार्रवाई के बाद राजधानी भोपाल में भी कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्राइवेट स्कूलों की जांच करने एसडीएम की निगरानी में आठ टीमों का गठन किया है। टीमें स्कूल संचालकों से सात साल का फीस रिकार्ड लेने के साथ उनके यहां पढ़ाई जा रही बुक्स के बारे में जानकारी ली जाएगी। टीमें तय दुकानों से कोर्स और यूनिफॉर्म लेने के लिए बाध्य करने की जानकारी भी संचालकों से जुटाएंगी। राजधानी में पहली से लेकर 12वीं तक के एमपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड सहित अन्य पैटर्न के 453 स्कूल हैं।
समय पर ब्यौरा न देने पर पांच गुना शुल्क
भोपाल में तय समय सीमा में फीस की जानकारी नहीं देने पर स्कूल शिक्षा विभाग ने पोर्टल पर फीस संरचना अपलोड करने के लिए प्रक्रिया फीस निर्धारित की है। 8 जून तक स्कूलों को पोर्टल पर जानकारी के साथ प्रक्रिया फीस जमा करनी होगी। इसमें 2 हजार से अधिक नामांकन वाले स्कूल के लिए प्रक्रिया शुल्क प्रतिवर्ष 5 हजार रुपए है, लेकिन तय समय के बाद जानकारी अपलोड करने पर अर्थदंड 25 हजार वसूला जाएगा।
एक हजार से 2 हजार छात्र संख्या वाले स्कूलों के लिए यह शुल्क 3 हजार है, लेकिन अपलोड न करने पर 15 हजार, 501 से 1 हजार वाले स्कूल के लिए यह दो हजार है, लेकिन समय पर जानकारी न देने पर 10 हजार रुपए देना होगा। वहीं 500 तक नामांकन वाले स्कूल के लिए 1 हजार रुपए प्रक्रिया शुल्क है, जानकारी अपलोड नहीं करने पर 5 हजार रुपए देना होगा।
नर्सिंग कॉलेज मामला गलत रिपोर्ट देने पर 14 अफसरों को नोटिस
नर्सिंग मामले में रिश्वतखोरी का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने राजस्व अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव भेजा था। गलत रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले 14 राजस्व अधिकारियों में तत्कालीन तहसीलदार इंदौर पल्लवी पौराणिक, तत्कालीन तहसीलदार विदिशा अंकिता यदुवंशी, तत्कालीन नर्मदापुरम तहसीलदार ज्योति ढोके, अलीराजपुर तहसीलदार रानू माल, नायब तहसीलदार झाबुआ अनिल बघेल, नायब तहसीलदार सुभाष कुमार, नायब तहसीलदार जगदीश बिलगावे, नायब तहसीलदार रीवा सतीश शुक्ला, तत्कालीन नायब तहसीलदार छिंदवाड़ा छवि पंत, नायब तहसीलदार धार सतेन्द्र सिंह गुर्जर, नायब तहसील रामलाल पगोर सहित अन्य शामिल हैं। उक्त अधिकारियों ने कॉलेज की व्यवस्थाओं के संबंध में भौतिक सत्यापन कर गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
50 से ज्यादा को फिट लिस्ट में डालने की रिश्वत
सीबीआई के जो अधिकारी नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रहे थे, उसमें खुलासा हुआ है कि 50 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों से उक्त अफसरों ने रिश्वत ली है। वहीं उनको फिट लिस्ट में डाल दिया जबकि वो पूरी तरह अनफिट थे। अब सीबीआई ऐसे कॉलेज संचालकों को भी चिन्हित कर रही है, जिन्होंने अफसरों को रिश्वत दी। इनके नाम भी आरोपियों की सूची में शामिल किए जाएंगे। अभी तक सीबीआई ने पूरे मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया है।
तत्कालीन अध्यक्ष, रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई
नर्सिंग काउंसलिंग के तत्कालीन अध्यक्ष और रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभाग के 111 निरीक्षण कर्ताओं को नोटिस भी दिए गए है। वहीं सीबीआई जांच में अनफिट पाए गए नर्सिंग कालेजों की मान्यता पहले ही निरस्त की जा चुकी है।