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MP News: मध्य प्रदेश में जातिसूचक वाले स्थानों के नाम बदले जाने की राजनीति तेज हो गई है। बसपा नेता की ओर से इस विषय पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल को पत्र लिखकर नाम बदलने की मांग की गई है। अब इस पर कांग्रेस ने सुर से सुर मिलाते हुए अपनी भी सहमति व्यक्त की है।

MP News: मध्य प्रदेश में जातिसूचक स्थानों के नाम बदलने की सियासत भी तेज हो गई है। इस विषय को लेकर बहुजन समाज पार्टी की ओर से मांग की जा रही है कि जातियों के आधार पर पुकारे जाने वाले किसी भी गांव, मोहल्ले सहित अन्य स्थानों के नामों को बदला जाए। इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से भी अपनी सहमति दी जा रही है।

भेदभाव और असमानता
राज्यपाल मंगू भाई पटेल को लिखे गए पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि प्रदेश में जातिसूचक नाम के स्थानों को बदला जाए। इन नामों से समाज में लोगों को भेदभाव और असमानता महसूस होती है और समाज में ऊंच नीच के बीच बनी खाई को पाटा जा सके।

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5 हजार से ज्यादा स्थान हैं
गर्वनर पटेल को बसपा के वरिष्ठ नेता ने ई मेल करते हुए अपना पत्र सौंपा है। बसपा नेता अवधेश प्रताप की ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में 5 हजार से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जिनके नाम जातिसूचक शब्दों से पुकारे जाते हैं। जिन्हें बदले जाने की मांग अवधेश प्रताप की ओर से की गई है।

कांग्रेस की ओर से तर्क
इस मुद्दे को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी सहमति दिखाई जा रही है। कांग्रेस की ओर से भी एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें जातिसूचक शब्दों के स्थानों के नाम बदले जाने की मांग की जा रही है। कांग्रेस की ओर से यह भी तर्क दिया जा रहा है कि राज्य सरकार की ओर से जिलों, स्टेशनों के नाम बदले जा रहे हैं, तो जातिसूचक वाले स्थानों के नाम पर भी विचार कर इसे अमल में लाया जाए।

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