MP News: मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास तथा संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इंदौर में 3 घंटे में 51 लाख पौधे लगाकर हम इतिहास रचेंगे, यही प्रकृति की सच्ची सेवा होगी। उन्होंने कहा, कुछ दशक पहले हमारी धरती हरी-भरी थी। समय पर बरसात, गर्मी और ठंड का अहसास कराती थी, पर आज वृक्षों के आभूषण से धरती मां विहीन होती जा रही है। इसके चलते जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है।
हरियाली खत्म होने से भीषण गर्मी
विजयवर्गीय ने इंदौर वासियों से अपील करते हुए कहा कि हरियाली खत्म होने से भीषण गर्मी और अनेक लाइलाज बीमारियां फैलने लगी हैं। यदि हम अपने जीवन की खुशियां चाहते हैं तो पौधे लगाने के लिए आगे आना ही होगा। प्रकृति की सेवा के माध्यम से हम ईश्वर की आराधना करें। उन्होंने इंदौर वासियों से इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी करने की अपील की है।
हरी भरी हो वसुंधरा
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) May 27, 2024
आओ मिलकर पेड़ लगायें
"वृक्षारोपण हम करें, हो प्राणी कल्याण।
प्रकृति रूप में हम करें, ईश्वर का सम्मान।।
पर्यावरण रहे खिला-खिला, खिले-खिले रहें लोग।
वृक्षों से औषध मिले, हमको करे निरोग।।"
कुछ दशक पूर्व तक हमारी धरती हरी-भरी थी। समय पर बरसात, गर्मी व ठंड का… pic.twitter.com/IImNhRh8WD
इंदौर भी उस जलन से बचा नहीं है
मंत्री विजयवर्गीय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो पोस्ट कर कहा कि 'आज पूरा देश जल रहा है। इंदौर भी उस जलन से बचा नहीं है। शहर में 42 डिग्री तापमान है, पर इंदौर से 7 किलोमीटर दूर पितृ पर्वत पर यह तापमान कम है, क्योंकि यहां 3 लाख पेड़ हैं। प्रदूषण भी कम है। ऑक्सीजन बहुत पवित्र है और इसलिए यहां मजा भी आता है। हनुमान जी तो हैं ही प्रकृति भी बहुत जरूरी है।
वृक्षों से औषधि और लोगों के निरोगी रहने पर कविता
पर्यावरण सुरक्षा को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कुछ पंक्तियों भी अपने सोशल मीडिया पर लिखी हैं। जिसके माध्यम से वह सभी लोगों से पेड़ लगाने की अपील करते हुए धरती को हरा भरा रखने और प्राणी कल्याण की बात कही है। वृक्षों से औषधि और लोगों के निरोगी रहने का उल्लेख इस कविता के माध्यम से उन्होंने बताने की कोशिश की है। उन्होंने लिखा कि कुछ दशक पूर्व तक हमारी धरती हरी-भरी थी। समय पर बरसात, गर्मी व ठंड का अहसास कराती थी लेकिन आज वृक्षों के आभूषण से धरती मां विहीन होती जा रही है। अगर हम अपने जीवन की खुशियां चाहते हैं तो पौधे लगाने के लिए आगे आना ही होगा।