Damoh fake Doctor Case: मध्य प्रदेश के दमोह में हार्ट सर्जरी के बाद 7 मरीजों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। कोतवाली पुलिस ने आरोपी चिकित्सक डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। उसकी योग्यता और डिग्री पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने प्रेस कान्फ्रेंस कर पीड़ित परिवारों को 1-1 करोड़ मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है। साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता फर्जी डॉक्टरों की तलाश के लिए अभियान चलाएंगे।
दमोह की इस घटना से मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) मुकेश जैन ने उन 5 मरीजों के परिजनों को बयान दर्ज कराने को कहा है, जिनकी मौत सर्जरी के बाद हुई है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम भी मामले की जांच कर रही है। टीम में रिंकल कुमार, राजेंद्र सिंह और ब्रजवीर कुमार शामिल हैं। मृतकों के परिजन के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
हार्ट सर्जरी के बाद इन मरीजों की मौत
- सत्येंद्र सिंह राठौर निवासी लाडनबाग, हथना, दमोह
- रहीसा बेग निवासी पुराना बाजार नंबर 2, दमोह
- इजरायल खान, निवासी डॉ. पसारी के पास, दमोह
- बुधा अहिरवाल निवासी बरतलाई, पटेरा, दमोह
- मंगल सिंह राजपूत निवासी बरतलाई, पटेरा, दमोह
यह है पूरा मामला
दमोह की जिस मिशन अस्पताल में इन मरीजों की मौत हुई है, उस पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण के आरोप भी लग चुके हैं। दावा किया गया कि डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम नाम के शख्स ने लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजोन केम के नाम से प्रैक्टिस करता था। उसने 15 हार्ट ऑपरेशन की। इनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। 4 अप्रैल को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने भी सोशल मीडिया पोस्ट पर 7 मौतों का जिक्र किया है। इसके बाद से डॉ नरेंद्र यादव फरार है।