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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में नए साल 2025 में नई व्यवस्था शुरू होगी। 'मोहन सरकार' 1 जनवरी से ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने जा रही है। साथ ही सरकार 41 मंडियों में ई-मंडी योजना चालू करेगी।

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में नए साल 2025 में नई व्यवस्था शुरू होगी। 'मोहन सरकार' 1 जनवरी से ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस नई प्रणाली के तहत मंत्रालय पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा। फाइलों का भौतिक मूवमेंट बंद कर सभी दस्तावेजों को स्कैन कर ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। साथ ही सरकार 41 मंडियों में ई-मंडी योजना चालू कर रही है। ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज बेचने के लिए स्वयं अपनी पर्ची बना सकते हैं। यह सुविधा मंडी ऐप पर दी दी गई है। बता दें कि पहले से एमपी की 42 मंडियों में  ई-मंडी चल रही है। 1 जनवरी से 41 मंडियों में और शुरू हो जाएगी। 

क्या है ई-मंडी योजना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक अफसरों को 1 जनवरी से ई-मंडी योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं। ई-मंडी योजना से किसान मंडियों में अपनी उपज बेचने के लिए स्वयं अपनी पर्ची बना सकते हैं। यह सुविधा मंडी ऐप पर दी है। ई-मंडी योजना के तहत मंडी प्रांगण में प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल तथा भुगतान तक की कार्रवाई कंप्यूटराइज्ड होती है। एक बार प्रवेश पर्ची बन जाने पर किसानों को बार-बार संपूर्ण डाटा देने की आवश्यकता नहीं होती। प्रवेश पर्ची बन जाने से किसान सीधे मंडी प्रांगण के नीलामी स्थलों पर जाकर अपनी कृषि उपज की नीलामी करा सकते हैं। इसी ऐप के जरिए नीलामी की कार्रवाई प्राप्त की जा सकती है। मंडियों में एप चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

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क्या है ई-ऑफिस व्यवस्था
ई-ऑफिस एक डिजिटल प्रणाली है। इससे सरकारी फाइलें और दस्तावेज़ ऑनलाइन मैनेज किए जाते हैं। इस योजना के लागू होने से डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित हो जाएंगे। किसी भी तरह के अग्निकांड या दुर्घटना में रिकॉर्ड नष्ट होने पर इसे आसानी से रिकवर किया जा सकेगा। हर फाइल में की गई एंट्री स्वत सेव होगी, जिससे डेटा लॉस की संभावना खत्म होगी। सर्वर आधारित डेटा स्टोरेज होगा। सभी दस्तावेज एक सुरक्षित सर्वर में संग्रहीत किए जाएंगे।

सरकारी सिस्टम डिजिटल बनाने की दिशा में कदम 
मध्य प्रदेश में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से फाइलों के बोझ से छुटकारा मिलेगा। सरकार का डिजिटल इंडिया के तहत सरकारी कार्यप्रणाली को आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। ई-आफिस व्यवस्था पहला चरण में मंत्रालय स्तर पर व्यवस्था शुरू होगी। दूसरा चरण में विभाग प्रमुखों के कार्यालय शामिल होंगे। तीसरा चरण में जिला स्तर के कार्यालयों को डिजिटल किया जाएगा। वित्त, वन, कृषि, राजस्व, और पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग पहले से ई-ऑफिस 7.0 वर्जन पर काम कर रहे हैं।  

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