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MP Congress: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर अब पार्टी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी प्रदेश का दौरा करेगी। यह कमेटी शनिवार और रविवार को 2 दिवसीय दौरा करते हुए नेताओं से चर्चा करेगी। प्रदेश में इतनी बड़ी हार को लेकर कांग्रेस उबर नहीं पा रही है, जिसपर चिंतन किया जा रहा है।

MP Congress: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस उबर नहीं पा रही है। पार्टी नेतृत्व को ऐसी पराजय की उम्मीद नहीं थी। कांग्रेस कमलनाथ की छिंदवाड़ा और दिग्विजय सिंह की राजगढ़ सीट भी हार गई। कांग्रेस को इस बार के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली जबकि भाजपा ने सभी 29 सीटें जीत कर क्लीन स्वीप किया।

गठित तीन सदस्यीय कमेटी
नतीजे से चिंतित कांग्रेस नेतृत्व द्वारा हार के कारण जानने के लिए गठित तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी शनिवार 29 जून को भोपाल आ रही है। कमेटी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, ओडिशा के नेता सप्तगिरि उलाका और गुजरात के जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। ये तीनों सदस्य दो दिन भोपाल में रहकर सभी संबंधित नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। कमेटी जानने की कोशिश करेगी कि मप्र में पार्टी की इस करारी हार के क्या कारण रहे।

जांच कर हाईकमान को रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि समिति 29 और 30 जून को वरिष्ठ नेताओं के अलावा सभी उम्मीदवारों से चर्चा करेगी। समिति यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिर चुनाव में कमी क्या और कहां रह गई? पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर विधायकों और अन्य नेताओं ने चुनाव के दौरान किस तरह की भूमिका निभाई? समीक्षा पूरी करने के बाद समिति अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेगी और उस आधार पर आगे की कार्रवाई भी संभावित है। चुनाव बाद दुई समीक्षा बैठक में कई प्रत्याशियों ने आरोप लगाया लगाया था कि संगठन से हमें कोई मदद नहीं मिली, हमें हमारे हाल पर छोड़ दिया गया था।

2 सीटों में मैदान से बाहर थी, 27 सीटें हार गई
प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 2 सीटों पर कांग्रेस मैदान से ही बाहर थी। खजुराहो सीट समझौते में सपा को दी थी लेकिन सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया और इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नामांकन ही वापस ले लिया था। शेष बची 27 सीटों में कांग्रेस मैदान में थी। लगभग आधा दर्जन सीटों में कांग्रेस को मुकाबले में माना जा रहा था कि इनमें से कुछ सीटें जीतने की उम्मीद थी। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का दावा था कि हम दो डिजिट में सीटें जीत कर सभी को चौंकाएंगे, लेकिन नतीजा आया तो कांग्रेस को एक सीट भी नहीं मिली।

पहली बार नहीं मिली कांग्रेस को एक भी सीट
लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब कांग्रेस एक भी लोकसभा सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी है। भाजपा ने सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से और छिंदवाड़ा से 2019 में इसी सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले नकुलनाथ को मैदान में उतारा था। पार्टी को इन दोनों सीटों पर जीत की उम्मीद थी। इनके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी मुरैना, सतना, मंडला, रतलाम जैसी आधा दर्जन सीटों में मजबूत दिखाई पड़ रहे थे लेकिन कांग्रेस कहीं नहीं जीत सकी।

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