Gwalior fire: शॉर्ट सर्किट से तीन मंजिला मकान में आग लग गई। भीषण आग में पिता और दो बेटियां जिंदा जल गए। लोगों की सूचना पर फायर ब्रिगेड और पुलिस पहुंची लेकिन आग को काबू करने में असफल रही। एसडीआरएफ और एयरफोर्स को मदद के लिए बुलाया गया। SDRF ने दूसरे फ्लोर की दीवार को मशीन से तोड़ा। पिता और दोनों बेटियों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। घटना ग्वालियर के घटना बहोड़ापुर थाना इलाके के कैलाशनगर की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पत्नी और बेटा गया था मुरैना
जानकारी के मुताबिक, कैलाशनगर में विजय उर्फ बंटी अग्रवाल की तीन मंजिला इमारत में ग्राउंड फ्लोर पर ड्राय फ्रूट्स की शॉप और सेकंड फ्लोर पर गोदाम है। तीसरे फ्लोर पर विजय परिवार के साथ रहते हैं। विजय की पत्नी राधिका, बेटे अंश के साथ ससुराल मुरैना गई थीं। घर पर विजय, उनकी दो बेटियां ईशू और मिनी ही थे। बुधवार रात तीनों खाना खाकर सो गए। देर रात मकान में अचानक आग लग गई। तीनों भीषण आग की लपटों में फंस गए। तीनों की जिंदा जलने से मौत हो गई।
दीवार तोड़कर तीनों को निकाला
पुलिस के मुताबिक, भीषण आग की लपटें देखकर आस-पड़ोस के लोग जागे, फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। पुलिस और फायर ब्रिगेड ने स्थिति संभालने की कोशिश की लेकिन आग बहुत ज्यादा फैल चुकी थी। एसडीआरएफ और एयरफोर्स को बुलाया गया। एसडीआरएफ की 13 सदस्यीय टीम ने दूसरे फ्लोर की दीवार को मशीन से तोड़ा। यहां से विजय को निकाला गया। तीसरी मंजिल के दरवाजे को तोड़कर अलमारी को हटाया। दोनों बेटियों को निकाला। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी।
घर से बाहर निकलने का एक मात्र रास्ता
पुलिस के मुताबिक, घर से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता नीचे से है। यहां आग फैली हुई थी। एक और रास्ता मकान के पिछले हिस्से से है, लेकिन यहां उन्होंने अलमारी रखी हुई थी। पिता और दोनों बेटियां आग में घिर गए और बाहर नहीं निकल सके। एसडीआरएफ की टीम ने दीवार तोड़कर तीनों को निकाला। अस्पताल पहुंचाया लेकिन तीनों की मौत हो गई।