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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भोपाल से लगे बिलारिया गांव पहुंचकर उस परिवार से मिली थीं, जिनके सात महीने के बेटे को कुत्ते ने खा लिया था।

Former CM Uma Bharti : आपके बच्चे को चीटा भी काटे तो दर्द होता है...सोचो उसके जिंदा बच्चे को कुत्ते ने खा लिया... यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का।  उमा भारती अयोध्या से लौटते ही भोपाल से लगे बिलखरिया गांव पहुंची। यहां उमा भारती ने उस परिवार से मुलाकात की, जिसके सात महीने के बच्चे को कुत्ते ने खा लिया है।

कोरोना के समय कुछ लोगों के कुत्ते हवाई जहाज से भेजे गए थे
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पीड़ित परिवार से बार-बार माफी मांगती हैं। साथ ही व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, कोरोना के समय कुछ लोगों के कुत्ते हवाई जहाज से भेजे गए थे। आज इनके जिंदा बच्चे को कुत्ते ने खा लिया। उमा ने घटना पर दुख जताते हुए कहा, मैं तो उसी दिन आना चाहती थी, लेकिन अयोध्या जाना था। इसलिए नहीं आ पाई माफ करना।

अयोध्या की यादें साझा की

  • आंखों के सामने से अयोध्या जी एवं सरयू जी का दृश्य जाता ही नहीं है, रामलला की छवि पूरे समय आंखों के सामने झूलती है।
  • फिर जैसे सप्त ऋषियों में से एक ऋषि धरती पर उतर आया हो, हाथ में चांदी का छत्र लिए, सफेद वस्त्र धारण किए रामलला की ओर जाते हुए हमारे प्रधानमंत्री और अंदर गर्भगृह का वह दृश्य जो हमने दूरदर्शन से देखा जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो हमारे मुखिया हमारे प्रधानमंत्री, हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, वेद मंत्रों का उच्चारण और मुस्कुराते रामलला अनंत जन्मों तक याद रहेंगे।
  • देश के 135 करोड़ लोगों के प्राण श्री रामलला में प्रतिष्ठित हुए हैं, यह चारों युगों में इस भूमंडल की पहली प्रतिमा होगी। उसमें 100 करोड़ से ज्यादा लोगों के प्राण समाहित हुए और वह प्रतिमा अनंत काल के लिए जीवंत हो उठी।
  • 500 साल से चला यह अभियान जिसके अंतिम चरण में मुझे सहभागिता का मौका मिला और मेरा जीवन धन्य हो गया।
  • कुछ दिनों पहले ही भोपाल में एक मजदूर के सात महीने के बच्चे को कुत्तों ने मार डाला था, अभी हाल ही में फिर एक 4 साल के बच्चे को भी कुत्तों ने काट कर मार डाला है। 
  • अयोध्या जी जाने से पहले उस सात माह के बच्चे के मजदूर माता-पिता से मैं मिल नहीं पाई वह भोपाल से बाहर बिलखिरिया ग्राम में है, आज भोपाल पहुंचते ही मैं उनसे मिलने बिलखिरिया ग्राम जा रही हूं। अगर मैं ऐसा ना करूं तो मेरी बेचैनी मुझे खाने नहीं देगी, रहने नहीं देगी इसलिए जा रही हूं।
  • राम मंदिर से रामराज्य की ओर हमारा देश चले यही रामलला की प्रेरणा है। 'राम राज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब शोका।
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