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Ujjain Crime News: मध्यप्रदेश के उज्जैन से बड़ी खबर है। निरंजनी अखाड़े से निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को मंदाकिनी के अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही चिमनगंज मंडी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

Ujjain Crime News: मध्यप्रदेश के उज्जैन से बड़ी खबर है। निरंजनी अखाड़े से निष्कासित पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को मंदाकिनी के अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही चिमनगंज मंडी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। बता दें कि धोखाधड़ी का अरोप लगते ही मंदाकिनी ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। इसके बाद से मंदाकिनी अस्पताल में भर्ती थीं। पूछताछ के बाद पुलिस मंदाकिनी को कोर्ट में पेश करेगी।

जानें पूरा मामला 
निरंजनी अखाड़े के ही महंत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई की रात उज्जैन के चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। सुरेश्वरानंद ने पुलिस को बताया था कि ‘महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने की बात कही थी। इसके एवज में 15 अप्रैल 2024 को सुरेश्वरानंद ने मंदाकिनी को साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। अखाड़ा मुख्यालय में संपर्क किया तो बताया गया कि रुपए लेकर उपाधि नहीं दी जाती। इसके बाद सुरेश्वरानंद ने रकम वापस मांगी तो मंदाकिनी ने रुपए देने से मना कर दिया। इसके अगले दिन मंदाकिनी ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था। तभी से वह जिला अस्पताल में भर्ती थी।

नर्मदाशंकर ने भी की थी शिकायत 
जयपुर के महामंडलेश्वर संत नर्मदाशंकर पुरी ने इसके बाद मंदाकिनी पुरी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला महाकाल थाने में दर्ज कराया था। नर्मदाशंकर ने पुलिस से कहा कि मंदाकिनी ने आचार्य महामंडलेश्वर बनाने का झांसा देकर 8 लाख 90 हजार रुपए लिए थे। राशि पिछले सात महीने में अलग-अलग किस्तों में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी। आज यानी मंगलवार को चिमनगंज मंडी पुलिस ने मंदाकिनी को जिला अस्पताल से गिरफ्तार किया है। एडिशनल एसपी जयंत राठौर ने बताया कि साध्वी मंदाकिनी पुरी से थाने में पूछताछ की जा रही है।

निष्कासित होते ही पी लिया कीटनाशक 
धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद मंदाकिनी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया था। 7 मई की सुबह 11 बजे मंदाकिनी ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। मंदाकिनी जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थीं। अस्पताल में वे किसी को पहचान नहीं पा रही थीं। इस कारण पुलिस उनके बयान नहीं ले सकी थी। अब अस्पताल से छुट्टी मिलते ही पुलिस मंदाकिनी को अपने साथ ले गई है।

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