आशीष नामदेव, भोपाल। जीपी बिड़ला संग्रहालय में ‘पुरातात्विक प्रतिमाओं और पेंटिंग में नवरूपा शक्ति दर्शन’ प्रदर्शनी का गुरुवार को शुभारंभ हुआ। प्रदर्शनी में करीब 65 मूर्तियों के छायाचित्र लगाए गए हैं साथ ही 23 पेंटिंग भी लगाई गई हैं। हर पेंटिंग और छायाचित्र देवी के अलग-अलग रूप को प्रदर्शित करती है। वन दुर्गा, चंडी, अग्नि दुर्गा, भ्रामरी, कात्यायनी आदि है।
मेटल से तैयार की गई देवी दुर्गा की प्रतिमा
अनीता ने बताया कि उन्होंने मेटल से दुर्गा देवी की मूर्ति बनाई है। मेटल पर कांच से डेकोरेशन किया है। इसमें देवी दुर्गा का रूप देखा जा सकता है। इस रूप में ही उनकी पूजा करके पूरे प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया गया। इसमें शेर और अस्त्र-शस्त्र भी है।
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गोंड जाति के लोग करते हैं रक्षा के लिए खैरो माई की पूजा
चित्रकार माला खरे ने खैरो माई (गोंड चित्र) बनाया है। इस चित्र में कई रंगों को देखा जा सकता है। गोंड जाति में खैरो माई की पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। उनकी पूजा विशेष रूप से गांव की सुरक्षा, समृद्धि और बुराइयों से रक्षा के लिए की जाती है।
25 वर्ष पहले उत्खनन के वक्त मिली थी 2वीं शती ई. की महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति
बीके लोखंडे ने बताया कि सीहोर जिले के नीन्नौर से उत्खनन के दौरान 1996-1999 में 2वीं शती ई. की महिषासुर मर्दिनी की मूर्ति मिली थी। इसको मौर्य शासन काल के दौरान का ही बताया जाता है। इस मूर्ति में देवी अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए नजर आ रही हैं। यह मूर्ति आज भी संग्रहालय में लोगों को देखने के लिए मौजूद है।