भोपाल। हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ित परिवार अब भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। पीड़ित हरदा के घंटाघर चौक पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि ब्लास्ट में उनका सबकुछ तबाह हो गया है। खाने तक को मोहताज हैं। जीवनभर की पूंजी खत्म हो गई, प्रशासन ने उन्हें सवा लाख रुपए दिए हैं। इतने पैसे में वे अपना घर कैसे बनाएं। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उन्हें सही मुआवजा नहीं दिया। महिलाओं ने दोषी अफसरों पर केस दर्ज करने की मांग की। इधर, धरने पर बैठी तीन महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी धरना जारी रहेगा
शुक्रवार को पीड़ितों ने धरना शुरू किया था। धरने के दूसरे दिन शनिवार को भूख हड़ताल पर बैठी पीड़ित परिवार की एक महिला की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद धरना स्थल पर डॉक्टर्स की टीम पहुंची थी। महिलाओं का आरोप है उनकी जायज मांगों को नहीं माना गया है, जिसके चलते अधिकांश पीड़ित परिवारों की महिलाएं अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं। धरने पर बैठे पीड़ित परिवारों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, धरना जारी रहेगा। महिलाओं ने कहा कि हम अभी भी धरने पर बैठकर अपनी मांगों को पूरा करने को लेकर डटे हुए हैं।
पीड़ितों ने ये मांगें रखी हैं
पीड़ितों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 5 लाख मुआवजा दिया जाए। जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके निर्माण की बाजार भाव से लागत मिले। किराएदारों के लिए ढाई लाख रुपए राहत दें। विकलांगों और मृतकों के परिजन-आश्रित को रोज़गार मिले। ज़िम्मेदार अधिकारियों की निशानदेही करके, उनके खिलाफ आपराधिक अभियोग दर्ज करें। साथ ही प्रशासनिक अपराधों का भी केस दर्ज किया जाए। एसआईटी और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन हो। जिसमें फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज द्वारा हो और पीड़ितों की तरफ़ से प्रतिनिधि शामिल हों। इसके अलावा भी कई मांगें पीड़ितों ने रखी हैं।
6 फरवरी को हुआ था पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट
बता दें कि हरदा की पटाखा फैक्ट्री में 6 फरवरी की सुबह 11 बजे ब्लास्ट हुआ था। धमाके से 14 लोगों की मौत हुई है। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। ब्लास्ट के बाद पूरा इलाका वीरान हो गया है। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख और घायलों को 2-2 लाख मुआवजा देने का सरकार ने ऐलान किया था।