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MP News: इंदौर में पहली बार ब्रेनडेड व्यक्ति के शरीर से एक साथ कई अंगों का दान किया गया। शैल्बी अस्पताल में 68 वर्षीय टाइल्स कारोबारी सुरेंद्र पोरवाल को ब्रेनडेड घोषित किया गया। उनकी मृत्यू के बाद, उनके परिजनों ने अंग दान करने का निर्णय लिया।

MP News: इंदौर में पहली बार ब्रेनडेड व्यक्ति के शरीर से एक साथ कई अंगों का दान किया गया। शैल्बी अस्पताल में 68 वर्षीय टाइल्स कारोबारी सुरेंद्र पोरवाल को ब्रेनडेड घोषित किया गया। उनकी मृत्यू के बाद, उनके परिजनों ने अंग दान करने का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया के तहत, पोरवाल के दोनों हाथ, किडनी, लिवर, आंखें और स्किन को डोनेट किया गया, जिससे 8 लोगों को नई जिंदगी मिल सकी। उनके हाथों को 12 घंटे जब जीवित रखा गया था।

विनीता खंजाची से ली प्रेरणा 
सुरेंद्र पोरवाल के अंगों का दान पोरवाल परिवार ने अपनी रिश्तेदार विनीता खंजाची से प्रेरणा ली। बता दें, इसके पहले विनीता के ब्रेन डेड होने के बाद, उनके अंगों का दान किया गया था, जिसमें एक हाथ भी शामिल था। 

शैल्बी अस्पताल में हुआ ट्रांसप्लांट 
सुरेंद्र पोरवाल से अंग निकालने की प्रक्रिया शैल्बी अस्पताल में करीब तीन घंटे तक चली। ऑपरेशन थिएटर में रक्त वाहिकाओं के सही तरीके से जुड़ने और अंगों को सुरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम ने काम किया। डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेन डेड व्यक्ति से अंगों का दान करते समय समय का खास ध्यान रखना होता है। शैल्बी अस्पताल ने चार ग्रीन कॉरिडोर के समन्वय में भूमिका निभाई।

3 घंटे चली रिट्रीवल प्रक्रिया
डॉक्टरों की टीम ने दोपहर करीब 3 बजे ऑपरेशन थिएटर में सुरेंद्र की बॉडी से अंग निकालने (रिट्रीवल) की प्रक्रिया शुरू की। यह प्रक्रिया लगभग 3 घंटे चली। इसमें सबसे ज्यादा समय हाथों को निकालने में लगा।

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