Indore News: इंदौर के पुलिस विभाग में एक 'नटवरलाल' की कहानी सामने आई है। पुलिस में भर्ती होने के लिए एक ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर 40 साल नौकरी की। अब मात्र दो साल की नौकरी बची है तब उसे चार हजार के जुर्माने के साथ 10 साल की सजा हुई है।
ब्राह्मण से बना कोरी
बता दें कि इंदौर में पुलिस विभाग में एक व्यक्ति ने कागजों में अपनी जाति बदलकर ब्राह्मण से कोरी बन गया। जिसका जाति प्रमाण पत्र भी तहसील से बनवा लिया। इस कोरी जाति के प्रमाण पत्र पर 19 साल की उम्र में वर्ष 1983 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ।
यह है पूरा मामला
बता दें कि अब 60 साल के हो चुके सत्यनारायण वैष्णव इंदौर के लक्ष्मीपुरी इलाके के निवासी हैं। उसका जन्म 7 जून 1964 को हुआ। 19 साल की उम्र में सत्यनारायण पुलिस में आरक्षक के पद पर भर्ती हो गया। भर्ती के 23 साल बाद यानी 2006 में आरक्षक सत्यनारायण के फर्जी जाति प्रमाण पत्र देकर पुलिस में नौकरी करने से संबंधित शिकायत मिली।
18 साल पहले हुई थी शिकायत
23 साल नौकरी पूरी करने के बाद 2006 में इस मामलें में शिकायत हुई। इस शिकायत बताया कि सत्यनारायण ने कोरी समाज के जाति प्रमाण पत्र पर सरकारी नौकरी हासिल की है। जबकि उसके पिता ब्राह्मण हैं। इसके बाद फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले की जांच की गई। इस मामले में कोर्ट ने 3 दिन पहले सजा सुनाई है।
रिकॉर्ड में जाति प्रमाण पत्र ही नहीं
मामलें के दौरान कोर्ट में जानकारी दी गई कि 22 जून 2016 को जांचकर्ता पुलिस अधिकारी एसपी कार्यालय पहुंचा। जहां एएसआई के पद पर पदस्थ सत्यनारायण की सेवा पुस्तिका और सर्विस रिकॉर्ड से संबंधित रिकॉर्ड को जब्त कर लिया गया। जब्त रिकार्ड में मुख्य जाति प्रमाण पत्र नहीं था।