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राज्य शासन ने बजट निर्माण की नवाचारी पहल करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान शून्य आधार बजटिंग (जीरो बेस बजटिंग) प्रक्रिया के आधार पर तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

हरि अग्रहरि. भोपाल। राज्य शासन ने बजट निर्माण की नवाचारी पहल करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट अनुमान शून्य आधार बजटिंग (जीरो बेस बजटिंग) प्रक्रिया के आधार पर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। विभागों को वर्तमान में चल सभी योजनाओं, नवीन योजनाओं के मूल्यांकन एवं विश्लेषण सूक्ष्मता से करने के लिए कहा है। प्रशासकीय विभाग की ओर से विभाग में चल रहे कार्यक्रमों और गतिविधियों की योजनावार पूरी तरह से गणना की पुनः समीक्षा की जाना होगी, जिसमें विभाग में प्रचलित सभी योजनाओं की निरंतर उपयोगिता की गणना का सटीक आंकलन हो सके।

विभाग की ओर से अपने बजट प्रस्ताव के पक्ष में पिछले वर्षों के व्यय (विनियोग) का संदर्भ के साथ-साथ यह भी स्पष्ट करना होगा कि प्रस्तावित किए जा रहे बजट अनुमान की गणना का आधार क्या है। इससे वर्तमान योजनाओं, कार्यक्रमों या गतिविधियों के वित्त पोषण और प्रदर्शन स्तरों की व्यवस्थित समीक्षा और औचित्य पर ध्यान केंद्रित करके संसाधनों को पुनः वंटित किया जा सकेगा। 

शून्य आधार बजटिंग प्रक्रिया के अंतर्गत विभाग में ऐसी योजनाओं को चिन्हांकित किया जा सकेगा जो वर्तमान में अपनी उपयोगिता खो चुकी है और जिन्हें समाप्त किया जा सकता हो। इसके अतिरिक्त विभाग की ओर से प्रचलित समान उद्देश्य की योजनाओं को संविलियित करने का भी विचार किया जा सकता है।

विभाग की सभी गतिविधियों को वर्तमान में प्रचलित योजनाओं, कार्यक्रम अथवा नवीन योजनाएं (यदि आवश्यक हों) में चिन्हांकित किया जाए। साथ ही योजनाओं, कार्यक्रमों की प्राथमिकता का क्रम भी निर्धारित किया जाए।

शून्य आधारित बजट क्या है? 
शून्य आधारित बजट में बजट अनुमान शून्य से शुरू किए जाते हैं। शून्य आधारित बजट में गत वर्षों के व्यय सम्बन्धी आंकड़ों को कोई महत्व नहीं दिया जाता है। इस प्रणाली में कार्य इस आधार पर शुरू किया जाता है कि अगली अवधि के लिए बजट शून्य है।

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