MP Politics News: मध्यप्रदेश की सियासत में दलबदल का दौर जारी है। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को फिर बड़ा झटका लगा। सागर की सुरखी विधानसभा से पूर्व विधायक पारुल साहू ने बुधवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। पारुल ने इस्तीफे में लिखा है कि मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। पूर्व विधायक पारुल साहू ने 2013 के विधानसभा चुनाव में सुरखी विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए तत्कालीन कांग्रेस के उम्मीदवार और वर्तमान कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को 141 वोटों से हराया था। इसके बाद भी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विधायक रहते हुए उनका टिकट काट दिया था।
2018 में टिकट नहीं मिलने पर छोड़ी थी भाजपा
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पारुल साहू को टिकट नहीं दिया तो पारुल नाराज होकर भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुई थीं। अक्टूबर 2020 में सुरखी विधानसभा में उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में आए गोविंद सिंह राजपूत को टिकट दिया था। वहीं कांग्रेस ने पारुल साहू को अपना उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा था। चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत ने पारुल साहू 40 हजार वोटों से हराया था।
टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का छोड़ा हाथ
2023 के विधानसभा चुनाव में पारुल साहू को उम्मीद थी कि उन्हें फिर कांग्रेस मौका देगी। लेकिन 2023 कांग्रेस ने पारुल को चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया। इसी बात को लेकर पारुल नाराज चल रही थीं और उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। बता दें कि पारुल साहू सागर की बंडा विधानसभा के पूर्व विधायक संतोष साहू की बेटी हैं। शहर में चर्चा है कि वह जल्द ही वे भाजपा में शामिल हो सकती हैं।
गोविंद सिंह वर्तमान में कैबिनेट मंत्री हैं
विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस ने पारुल का टिकट काटकर सुरखी विधानसभा से नीरज शर्मा को टिकट दिया था। नीरज शर्मा को 2023 के चुनाव में गोविंद सिंह राजपूत ने 2178 वोटों से हराकर पांचवीं बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। गोविंद सिंह राजपूत वर्तमान में मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।