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Madhya Pradesh New IT Policy: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मध्य प्रदेश में आईटी नीति को मंजूरी दी गई। इसके तहत निवेशकों मार्केटिंग-क्वालिटी सर्टिफिकेशन और भवन किराए के के साथ रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जाएगी। आईटी पार्क व बड़ी यूनिट के लिए जमीन सब्सिडी और पूंजीगत निवेश में राहत मिलेगी।

Madhya Pradesh New IT Policy: मध्य प्रदेश सरकार ने 8 साल बाद नई आईटी नीति लागू करने जा रही है। वर्तमान जरूरतों को देखते हुए इसमें कई बदलाव किए गए हैं। सरकार अब आईटी फर्म यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग-बीपीओ को भवन किराए व मार्केटिंग-क्वालिटी सर्टिफिकेशन में मदद करेगी। 

मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में संशोधित आईटी नीति को मंजूरी दी गई है। सदन की स्वीकृति के बाद जल्द ही यह प्रभावशील हो जाएगी। जिसके बाद निवेशक नई पॉलिसी का लाभ ले सकेंगे। नई आईटी नीति में निवेशकों को मार्केटिंग-क्वालिटी सर्टिफिकेशन और भवन किराए पर सरकारी मदद मिलेगी। साथ ही रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी में छूट का लाभ दिया जाएगा।

प्राइवेट डेवलपर बनाएंगे आईटी पार्क
सरकार ने मध्य प्रदेश में नए आईटी हब विकसित करने प्राइवेट कंपनियों को आकर्षित कर रही है। इससे रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। प्राइवेट डेवलपर सर्व सुविधायुक्त आईटी पार्क बनाएंगे, पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे और निवेशक सीधे काम शुरू कर सकेंगे। परमिशन लेने में भी उनका समय बर्बाद नहीं होगा। 

जमीन के लिए रोजगार की अनिवार्यता समाप्त 
मध्य प्रदेश में पहले एक एकड़ जमीन के लिए 100 लोगों को रोजगार देना अनिवार्य था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। आई पार्क के लिए अब सीधे 75 फीसदी लैंड सब्सिडी ले सकते हैं। पहले रोजगार के अनुपात में सस्ती जमीन देने का प्रावधान था। मसलन, 1 एकड़ जमीन के लिए 100 नौकरियां जरूरी थीं। आईटी इनेबल्ड सर्विस यूनिट में प्रति एकड़ 150 और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में प्रति एकड़ 50 नौकरियां देना अनिवार्य था। 

IT सेक्टर के निवेशकों को MP में यह लाभ

  • 2016 में बनी आईटी नीति में भवन किराए में मदद का प्रावधान भी नहीं था। स्थापना में सिर्फ पूंजीगत सहायता दी जाती थी। डाटा सेंटर के लिए पूंजीगत खर्चों में सब्सिडी नहीं मिलती थी, अब इसका भी प्रावधान किया गया है। 
  • नई पॉलिसी में प्लग एन प्ले आईटी पार्क बनाने के लिए प्राइवेट डेवलपर्स को ऑफर दिया गया है। निवेश प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। पहले अधिकतम 25 एकड़ जमीन दी जा सकती थी, लेकिन अब उपलब्धता के आधार पर जमीन का बड़ा हिस्सा भी दिया जा सकता है। 
  • प्रदेश में बनने वाले पहले 5 आईटी पार्क को 25 करोड़ और बाद में बनने वाले आईटी पार्कों के लिए 10 करोड़, ESDM (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग) के लिए कॉमन फैसिलिटीज पर 25 करोड़ तक सहायता दी जाएगी। 

बड़े निवेश पर विशेष पैकेज 
आईटी सेक्टर में बड़े निवेश को आकर्षित करने मोहन यादव सरकार ने कई अन्य प्रावधान भी किए हैं। लैंड अलॉटमेंट के लिए ओपन टेंडर होंगे। साथ ही आईटी फर्म के लिए सरकार 200 करोड़, ईएसडीएम 300 करोड़ और डाटा सेंटर में 500 करोड़ से अधिक निवेश करने पर सरकार विशेष पैकेज देगी। 

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