MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने 14 दिसंबर 2024 को राज्य के 60 लाख विद्यार्थियों को 332 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि ट्रांसफर की। यह राशि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मऊगंज जिले में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में एक सिंगल क्लिक के जरिए विद्यार्थियों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की गई। इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी शिक्षा में सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और अच्छे परिणाम हासिल कर सकें।
छात्रवृत्ति योजना
यह छात्रवृत्ति योजना प्रदेश के समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन (Samagra Samajik Suraksha Mission) के तहत लागू की गई है। योजना के क्रियान्वयन का जिम्मा स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के पास है। छात्रवृत्ति के लाभार्थी विद्यार्थियों के लिए 6 विभागों द्वारा 20 प्रकार की छात्रवृत्तियां स्वीकृत की जा रही हैं। इनमें अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, सामाजिक न्याय विभाग सहित अन्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में मऊगंज जिले में आयोजित जनकल्याण पर्व अंतर्गत छात्रवृत्ति योजना के ₹332 करोड़ से अधिक की राशि का सिंगल क्लिक से अंतरण #MYCM #मुख्यमंत्री_जनकल्याण_अभियान #जनकल्याण_पर्व_MP #1YearOfMohanYadavSarkar https://t.co/uBCwgFPLz3
— Office of Dr. Mohan Yadav (@drmohanoffice51) December 14, 2024
20 प्रकार की छात्रवृत्तियां
राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए 20 प्रकार की छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। ये छात्रवृत्तियां विद्यार्थियों के समग्र यूनिक आईडी और स्कूल कोड के आधार पर स्वीकृत की जाती हैं। विभिन्न श्रेणियों के लिए निम्नलिखित प्रमुख छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं:
- सामान्य निर्धन वर्ग स्कॉलरशिप
- सुदामा प्री-मेट्रिक स्कॉलरशिप
- स्वामी विवेकानंद पोस्ट-मेट्रिक स्कॉलरशिप
- सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों के बच्चों की स्कॉलरशिप
- पितृहीन कन्याओं की स्कॉलरशिप
- इकलौती बेटी की शिक्षा विकास स्कॉलरशिप
- शिक्षकों की कमी को दूर करने के प्रयास
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति
प्रदेश में शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया इस महीने के अंत तक पूरी की जाएगी, और जीएफएमएस पोर्टल (GFMS Portal) के माध्यम से विद्यालयों को विकासखंड पैनल की मेरिट सूची उपलब्ध कराई जाएगी। इस आधार पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्राथमिकता से की जाएगी, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
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