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भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा शनिवार को इंदौर पहुंचे। बिट्टा ने मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर हमला बोला। मीडिया से बातचीत में कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे लोगों ने हमारी खून से सजाई हुई कांग्रेस को बर्बाद किया है।

इंदौर। दिग्विजय सिंह जैसे लोगों ने हमारी खून से सजाई हुई कांग्रेस को बर्बाद किया है। हिन्दू आतंकवाद, भगवा आतंकवाद जैसी बात करके ये देश को कमज़ोर करने लगे। बात राष्ट्र की होनी चाहिए, यदि पटेल के हाथों कश्मीर होता तो तिरंगा कब से लहराता। यह बातें भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष और युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जिंदा शहीद मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने शनिवार को इंदौर में कहीं। मनिंदरजीत ने दिग्विजय सिंह पर जमकर हमला बोला। 

'हर मंदिर साहब कहां ले जाओगे'
मनिंदरजीत ने कहा कि कांग्रेस की पॉलिटिकल विल कमजोर रही। जैसे आज मोदी की मजबूत विल से 370 हटी, आतंकवाद का जवाब मुंहतोड़ दिया जाने लगा। बिट्टा ने आगे कहा कि खालिस्तान बनाओगे तो शीशगंज साहिब कहां ले जाओगे, हर मंदिर साहिब कहां ले जाओगे। क्या इन तीर्थों में केवल सिख ही आते हैं? इन तीर्थों पर हिन्दू भी मत्था टेकता है और सिख भी।

तिरंगे का सम्मान सबसे पहले होना चाहिए 
मनिंदरजीत ने सिख संगतों से यह भी आग्रह किया कि हर गुरुद्वारे से यह आवाज आए कि हम खालिस्तान नहीं चाहते, हम हिंदुस्तान में खुश हैं और पाकिस्तान के लोगों से कोई संबंध नहीं चाहते। बस यही बात देश को विदेशों में भी मजबूत करेगी। चुप रहना गुनाह है, सरदार कभी चुप नहीं रह सकते। आज भारत फिर से विश्व गुरु बन रहा है, भारत की तरक्की से अन्य देश भयभीत है, इसलिए जलन में ये खालिस्तान बनाने की बात करने वालों को फंडिंग करते हैं। हमें उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देना है। तिरंगे का सम्मान सबसे पहले होना चाहिए।

हमें भी सबके साथ आदर का भाव रखना चाहिए 
बिट्टा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश के सभी गुरुद्वारा साहिब में से आवाज़ उठना चाहिए, देश पहले हो, चुप नहीं रहना चाहिए और क्यों खालिस्तान की मांग करना, जबकि सरदारों के साथ हमेशा हिन्दू कौम जुड़ी रही, सब सम्मान करते हैं तो हमें भी सबके साथ आदर का भाव रखना चाहिए। और किस खालिस्तान को बनाने की लोग बात करते हैं, देश विरोधी ताकतें मजबूत क्यों हो रही, सरदार का नाम डर नहीं, ख़ौफ़ नहीं होता, वह बहुत मजबूत होता है। पंजाब को खालिस्तान वाली सोच से भी बाहर निकलना चाहिए।

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