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Bhopal News: भोपाल में छात्रों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) भोपाल का पहला संस्थान है, जहां छात्र कैंपस के भीतर टू-व्हीलर का उपयोग नहीं कर सकेंगे।

Bhopal News: भोपाल में छात्रों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) भोपाल का पहला संस्थान है, जहां छात्र कैंपस के भीतर टू-व्हीलर का उपयोग नहीं कर सकेंगे। कॉलेज प्रशासन ने परिसर के अंदर इलेक्ट्रिक बसें चलाने का फैसला लिया है। यह बसें संस्थान के पूर्व छात्र ने दी है।

कालेज प्रसाशन के मुताबिक मैनिट को ग्रीन कैंपस बनाने की योजना के चलते इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि यहां लगभग ढाई हजार वाहन थे। अब इन्हे कैंपस में न लाने से प्रदूषण कम होगा। मैनिट में 4 इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी हैं। प्रत्येक बस की कीमत 6 करोड़ रुपए है।

पूर्व छात्र ने दी है बसें
कॉलेज के अधिकारियों के मुताबिक मैनिट के पूर्व छात्र विवेक देवांगन (1989) ने संस्थान के लिए ये बसें दी हैं। वे आईएएस हैं। वर्तमान में आरईसी लिमिटेड के सीएमडी हैं। यह बस 50 सवारी वाली क्षमता की है। जो हॉस्टल से डिपार्टमेंट तक चलेंगी। इसके अलावा भी छात्रों को कैंपस से बाहर अगर किसी काम से जाना है, तो यह उन्हें मेन गेट तक छोड़ा जाएगा।

काफी बड़े एरिया में फैला है कैंपस
कॉलेज कैंपस में कई बार तेज रफ्तार वाहन चलाने की शिकायतें मिल चुकी थी, इसके अलावा कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। अगले कुछ दिनों में पूर्व छात्रों को भी बुलाया जाएगा। इसके बाद बसों को हरी झंडी दिखाकर शुरू किया जाएगा। हरी झंडी मिलने के बाद सभी छात्र इसका उपयोग आसानी से कर पाएंगे।

पूर्व छात्र ने दी संस्थान को बस 
संस्थान को पूर्व छात्र आईएएस विवेक कुमार देवांगन ने दी है, जो मणिपुर कैडर [1993 बैच] के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। इसके अलावा वे भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय में अपर सचिव के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। बता दें, आईएएस विवेक कुमार समाज सेवा के लिए जानें जाते हैं।

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